सारा अली खान की डेब्यू फिल्म ‘केदारनाथ’ को दर्शकों ने पसंद किया लेकिन फिल्म को विरोध का सामना भी करना पड़ा. फिल्म पर आरोप लगा कि यह फिल्म लव-जिहाद को बढ़ावा देती है हालांकि सारा ने अपने हर इंटरव्यू में इसका खंडन किया. अब केदारनाथ के निर्देशक अभिषेक कपूर ने फिल्म को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है. अभिषेक कपूर का कहना है कि ‘‘केदारनाथ” का इरादा विवाद भड़काना नहीं है.
उन्होंने कहा,’ कहानी देश के प्रासंगिक मुद्दों को छूती है लेकिन उसका इरादा विवाद भड़काने या ईशनिंदा करने का नहीं है बल्कि मौजूदा विभाजनकारी दौर में लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने का है.’
सबसे दर्दनाक मानव त्रासदियों में से एक की पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म मुस्लिम कुली (पिट्ठू) और हिंदू लड़की की कहानी है. कपूर ने कहा कि टीम जानती है कि फिल्म में जिन मुद्दों के बारे में बात की गई है वे नाजुक हैं और उन्होंने बेहद संवेदनशीलता के साथ उन्हें संभाला है.
कपूर ने कहा, ‘‘आप देखोगे की आज कल जो हालात हैं, यह पूरा चुनाव हिंदू-मुस्लिम राजनीति पर लड़ा गया. इसके बाद सबरीमला का मुद्दा चला. आप इस फिल्म में देखोगे कि इसमें इन सभी मुद्दों को छूआ गया है. यह बहुत संवेदनशील विषय है.” उनकी फिल्म में एक बार फिर धर्म की राजनीति को केंद्र में रखा गया है. कपूर की फिल्म ‘‘काई पो चे!‘‘ में भी इस मुद्दे को छूआ गया था.
‘‘काई पो चे!‘‘ उन तीन युवाओं की कहानी थी जिनकी दोस्ती की परख गोधरा ट्रेन हिंसा और उसके बाद हुए साम्प्रदायिक दंगों के दौरान होती है. उन्होंने कहा, ‘मैं भारतीय फिल्म बनाने की कोशिश करता हूं. हम समाज को केवल आइना दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो बहुत स्पष्ट है या बात करते रहता है। इसलिए मुझे जो भी कहना होता है और मैं अपने देश के बारे में जो भी महसूस करता हूं उसे अपनी फिल्मों के जरिए दिखाता हूं.’ सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान अभिनीत ‘‘केदारनाथ” पिछले शुक्रवार को रिलीज हुई.