दिया ने अक्षय से ट्विटर पर पूछा पीएम से मिलने गये बॉलीवुड प्रतिनिधिमंडल में महिला क्यों नहीं
मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाल में मुलाकात कर फिल्म उद्योग की समस्याओं के बारे में चर्चा करने वाले बॉलीवुड निर्माताओं एवं अभिनेताओं के प्रतिनिधिमंडल में महिलाओं की गैरमौजूदगी को लेकर सवाल उठाने वालों में अब ताजा नाम अभिनेत्री दीया मिर्जा का भी जुड़ गया है . मंगलवार को अक्षय कुमार, करण जौहर, अजय […]
मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाल में मुलाकात कर फिल्म उद्योग की समस्याओं के बारे में चर्चा करने वाले बॉलीवुड निर्माताओं एवं अभिनेताओं के प्रतिनिधिमंडल में महिलाओं की गैरमौजूदगी को लेकर सवाल उठाने वालों में अब ताजा नाम अभिनेत्री दीया मिर्जा का भी जुड़ गया है . मंगलवार को अक्षय कुमार, करण जौहर, अजय देवगन, सिद्धार्थ रॉय कपूर, रितेश सिधवानी और सीबीएफसी प्रमुख प्रसून जोशी समेत 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और मनोरंजन उद्योग को अगले चरण तक कैसे पहुंचाया जाये, इस विषय पर चर्चा की. मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में महिलाओं की गैरमौजूदगी से विवाद उठ गया.
कुछ कार्यकर्ताओं और फिल्मकारों ने 2018 में भी महिलाओं को नजरअंदाज किये जाने पर सवाल उठाते हुए पूछा, ‘‘महिलाएं कहां हैं?” दीया ने बृहस्पतिवार को अक्षय कुमार को टैग करते हुए ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर की और तंज किया, ‘‘बहुत खूब ! अक्षय कुमार क्या इस बात की कोई वजह है कि बैठक में एक भी महिला नहीं है?” अभिनेत्री का यह पोस्ट ‘गोल्ड’ के अभिनेता के उस पोस्ट का रीट्वीट था, जिसमें अक्षय ने पैनल को अपना समय देने के लिये प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया था.
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने यह सवाल उठाया कि बैठक के आयोजकों से यह सवाल पूछना चाहिए कि समूह में सिर्फ पुरूषों को चुनने की आवश्यकता क्यों पड़ी. इस पर दीया ने कहा, ‘‘सही बात है. काश, किसी पुरूष ने भी यह सवाल किया होता. आखिर समूचे मनोरंजन उद्योग का प्रतिनिधित्व सिर्फ पुरूष कैसे कर सकते हैं ?” एक और ट्विटर यूजर ने कहा कि आखिर हर जगह पुरूषों से महिलाओं की तुलना की आवश्यकता क्यों है ? इस पर अभिनेत्री ने यह कहकर उस यूजर की बोलती बंद कर दी कि बहस ‘‘प्रतिस्पर्धा” की नहीं है.
उन्होंने लिखा, ‘‘…यह मौलिक चीज है. अगर हम समानता हासिल करना चाहते हैं तो निश्चित तौर पर हमें हर बातचीत में शामिल किया जाना चाहिए! इसमें कोई शक नहीं कि महिलाएं अच्छा कर रही हैं. हम यह जानते-समझते हुए अच्छा कर रहे हैं कि हमें इसमें शामिल नहीं किया जा रहा है और हमें इसे बदलने की जरूरत भी नहीं है.” अभिनेत्री संध्या मृदुल ने भी अक्षय के पोस्ट को रीट्वीट किया और नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ‘‘बहुत बढ़िया.
हम महिलाओं के पास के तो चर्चा के लिये कोई मुद्दा ही नहीं है… जाहिर है.” लीना यादव, अलंकृता श्रीवास्तव और गुनीत मोंगा जैसी फिल्मकारों एवं निर्देशकों सहित फिल्म नगरी से जुड़े कई लोगों ने इस साल कार्यस्थल पर लैंगिक राजनीति को लेकर जोरदार बहस का नेतृत्व किया, जिसमें ‘मी टू’ अभियान का भी योगदान रहा. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस प्रतिनिधिमंडल में महिलाओं को शामिल नहीं किये जाने की आलोचना की है.