नसीरुद्दीन शाह गाय की मौत संबंधी बयान के लिए हुए ट्रोल, यूजर्स ने कही दी ऐसी बातें…
नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में भीड़ द्वारा की गई हिंसा का प्रत्यक्ष हवाला देते हुए कहा कि एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है. उनके इस बयान के लिए लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. अभिनेता का कहना है कि ‘जहर पहले ही फैल […]
नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में भीड़ द्वारा की गई हिंसा का प्रत्यक्ष हवाला देते हुए कहा कि एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है. उनके इस बयान के लिए लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. अभिनेता का कहना है कि ‘जहर पहले ही फैल चुका है’ और अब इसे रोक पाना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा,‘इस जिन्न को वापस बोतल में बंद करना मुश्किल होगा. जो कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं, उन्हें खुली छूट दे दे गई है. कई क्षेत्रों में हम यह देख रहे हैं कि एक गाय की मौत एक पुलिस अधिकारी की मौत से ज्यादा अहम है.’
लोग दिग्गज अभिनेता के इस इस बयान के खफा नजर आए और उन्होंने नसीर को इसके लिए ट्रोल करना शुरू कर दिया.
एक यूजर ने ‘कारवां-ए-मोहब्बत इंडिया’ द्वारा यूट्यूब में डाले गए शाह के इस वीडियो पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्होंने सरफरोश फिल्म में गुलफाम हसन का जो किरदार निभाया है वह उनका वास्तविक चरित्र है. भारत विरोधी तत्व सोशल मीडिया का इस्तेमाल बड़ी चतुराई से कर रहे हैं.’
दरअसल नसीर ने ‘सरफरोश’ में एक पाकिस्तानी गायक का किरदार निभाया था जो संगीत की आड़ में सीमा पार आतंकवाद फैलाने में लिप्त था. एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया, ‘यह वही व्यक्ति हैं जिसने याकूब मेमन की क्षमा याचिका पर हस्ताक्षर किए थे. समस्या आप में हैं श्री गुलफाम हसन#नसीरुद्दीनशाह.’
एक और यूजर ने लिखा, ‘अपराधियों और भ्रष्ट लोगों को भारत में डरना होगा. नसीरुद्दीनशाह पाकिस्तान जाओ.’ नसीर ने अपने साक्षात्कार में कहा था, ‘ मैं अपने बच्चों के लिए चिंतित हूं क्योंकि कल को अगर भीड़ उन्हें घेरकर पूछती है, ‘‘ तुम हिंदू हो या मुसलमान?’ तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं होगा. यह मुझे चिंतित करता है और मुझे नहीं लगता कि इन हालात में जल्द कोई सुधार होगा.’
अभिनेता ने कहा, ‘ये सभी चीजें मुझे डराती नहीं हैं बल्कि गुस्सा दिलाती हैं और मैं मानता हूं कि सही सोचने वाले हर व्यक्ति को गुस्सा होना चाहिए न कि डरना चाहिए. यह हमारा घर है और किसकी हिम्मत है जो हमें हमारे घर से निकाले.’