रांची : नसीरुद्दीन शाह अपने हालिया भीड़ हिंसा वाले बयान को लेकर लगातार विरोध का सामना कर रहे हैं. वहीं इप्टा (Indian People’s Theatre Association) us नसीरुद्दीन शाह के बयान का समर्थन किया है. इप्टा की पलामू इकाई ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि महान हस्ती और संवेदनशील कलाकार नसीरुद्दीन शाह पर अजमेर में साहित्योत्सव कार्यक्रम में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर किया गया हमला भारतीय लोकतंत्र के लिए घातक है. इप्टा ने अपने बयान में यह भी कहा कि वह इस घटना की घोर निंदा करती है.
इप्टा का कहना है कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर इस तरह के अराजक और हिंसक हमलों के लिए कोई जगह नहीं है. दुर्भाग्य है कि हाल के दिनों में इस तरह की घटनाओं में इजाफा हुआ है और सरकार मौन है.
नसीरुद्दीन शाह के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इप्टा ने कहा,’ उनकी चिंता हर उस सच्चे भारतीय की चिंता है कि हम आने वाली पीढ़ी को कौन-सा भारत देना चाहते है? ऐसा भारत जहां धार्मिक पहचानें हावी हो या फिर ऐसा भारत जहां नागरिक पहचानें मजबूत हो. उनके बयान का विरोध करने वाले लोग चाहते हैं कि हम धार्मिक पहचानों पर उलझे रहें और जनता के वास्तविक सवालों को भूल जायें.’
बयान जारी करने वालों में इप्टा के राज्य महासचिव उपेंद्र मिश्रा, राष्ट्रीय परिषद सदस्य शैलेन्द्र कुमार, राज्य सचिव प्रेम प्रकाश, पंकज श्रीवास्तव, राजीव रंजन, रविशंकर, अजीत ठाकुर, शशी पाण्डेय, दिनेश आदि शामिल हैं.
गौरतलब है कि अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में भीड़ द्वारा की गई हिंसा का परोक्ष हवाला देते हुए कहा था कि एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है. उनके इस बयान के लिए लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. अभिनेता का कहना है कि ‘जहर पहले ही फैल चुका है’ और अब इसे रोक पाना मुश्किल होगा.
उन्होंने कहा, ‘ इस जिन्न को वापस बोतल में बंद करना मुश्किल होगा. जो कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं, उन्हें खुली छूट दे दे गई है. कई क्षेत्रों में हम यह देख रहे हैं कि एक गाय की मौत एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा अहम है.’ लोग दिग्गज अभिनेता के इस बयान से खफा नजर आए और उन्होंने नसीर को इसके लिए ट्रोल करना शुरू कर दिया.