सोलो फिल्में बनाना आसान है इनमें अहम का टकराव नहीं होता : इमरान हाशमी

नयी दिल्ली : बॉलीवुड अभिनेता इमरान हाशमी का कहना है कि एक हीरो वाली फिल्में बनाना आसान है क्योंकि उनमें अहम का टकराव नहीं होता है. इमरान ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत 2003 में आई मल्टी स्टार फिल्म ‘‘फुटपाथ’ से की थी और इसके बाद उन्होंने कई ऐसी हिट फिल्में दी जिनमें वह मुख्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2019 7:58 AM

नयी दिल्ली : बॉलीवुड अभिनेता इमरान हाशमी का कहना है कि एक हीरो वाली फिल्में बनाना आसान है क्योंकि उनमें अहम का टकराव नहीं होता है. इमरान ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत 2003 में आई मल्टी स्टार फिल्म ‘‘फुटपाथ’ से की थी और इसके बाद उन्होंने कई ऐसी हिट फिल्में दी जिनमें वह मुख्य भूमिका में थे. इन फिल्मों में ‘‘मर्डर’, ‘‘जन्नत’, ‘‘आवारापन’, ‘‘राज 2′ शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि एक हीरो वाली (सोलो) फिल्म बनाना आसान है क्योंकि ऐसी फिल्मों के निर्माण में सेट पर अहम का टकराव नहीं होता है. इमरान ने कहा, ‘मैं लालची और स्वार्थी हूं. मुझे सोलो फिल्म में अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा मौका मिलता है.’

उन्‍होंने आगे कहा,’ ऐसा नहीं है कि मैंने कई हीरो वाली फिल्मों में काम नहीं किया है लेकिन मैंने कुछ ही ऐसी फिल्में की है. लेकिन इस तरह की फिल्मों में स्क्रीन समय बंट जाता है और आपको अपनी भूमिका को पूरी प्रतिभा के साथ निभाने का समय नहीं मिलता है. इसलिए स्वार्थ बाहर निकल कर आता है.’

अभिनेता का मानना है कि ‘‘आवारापन’, ‘‘जन्नत’, ‘‘डर्टी पिक्चर’ और ‘‘वन्स अपोन ए टाइम इन मुम्बई’ जैसी फिल्मों ने उनके कैरियर को एक नया मुकाम दिया था.

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