Exclusive Interview : बोलीं रेखा भारद्वाज – संगीत जैसे ही शोर हो बन जाता है पसंद नहीं
हिंदी फिल्मों में अनूठे लहजे,गायन शैली एवं अलहदा गानों के चुनाव के लिए प्रसिद्ध गायिका रेखा भारद्वाज इन दिनों एमटीवी अनप्लग्ड सीजन अपनी अहम उपस्थिति दर्शा रही है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत : एमटीवी अनप्लग्ड के इस मंच को किस तरह देखती हैं ? एमटीवी अनप्लड बहुत ही यूनिक प्लेटफार्म है. यहां आप अपना […]
हिंदी फिल्मों में अनूठे लहजे,गायन शैली एवं अलहदा गानों के चुनाव के लिए प्रसिद्ध गायिका रेखा भारद्वाज इन दिनों एमटीवी अनप्लग्ड सीजन अपनी अहम उपस्थिति दर्शा रही है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत :
एमटीवी अनप्लग्ड के इस मंच को किस तरह देखती हैं ?
एमटीवी अनप्लड बहुत ही यूनिक प्लेटफार्म है. यहां आप अपना दिल का काम कर सकते हैं अगर आप अपने फिल्म का भी गाना गाते हैं तो रिडिजाइन कर सकते हैं रिडिस्कवर कर सकते हैं. इस सीजन में हमें ये भी आजादी मिली है कि हम पूरा एपिसोड ही अपना खुद रिडिजाइन करने का मौका है. जो बहुत ही स्पेशल है. हर साल एमटीवी अनप्लड ग्रो करता जा रहा है और वो आर्टिस्ट को आजादी भी देता जा रहा है. जो बहुत बड़ी बात है. जैसे नए आर्टिस्ट को भी वे प्लेटफॉर्म देते हैं. वो भी ओरिजिनल म्यूजिक के साथ. मैं खुद अपने दो नए गाने इस बार किए हैं. इसके साथ ही मेरे पास उन्हें अलग से रिलीज करने का अधिकार भी है. मुझे लगता है कि इस मंच पर गाना रिलीज करने के बाद मेरा गाना ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचेगा.
आप नये लुक में नजर आ रही है क्या एक सिंगर के लिए लुक मायने रखता है ?
मैं ऐसे नहीं सोचती हूं जो मन का लगता है .वो मैं करती हूं. उम्र बढ़ रही है लेकिन आज मैंने स्कर्ट पहना है. इस बार के एमटीवी अनप्लग्ड के सीजन में मैं थोड़े अलग अंदाज में दिखूंगी. अंगरखा पहनूंगी. जैकेट पहनूंगी. पैंट पहनूँगी. मुझे साक्षी ने डिजाइन इस बार किया. मैं कभी वो नहीं पहन सकती हूं जो मुझे अच्छा लगता है लेकिन मैं उसे कैरी नहीं कर सकती हूं. बहुत जरुरी है कि जो मैं पहनूं. उसे पहनकर मुझे अच्छा लगे. मैंने इससे पहले एमटीवी अनप्लग्ड और कोक स्टूडियो में रोहित बाल के डिजाइनर कपड़ों को पहना था. वो मेरी इमेज बन गयी. मैं तो कई बार बाल भी नहीं बनाती हूं. स्टेज पर क्लिप लगाकर थोडा सा मेकअप करके चली जाती हूं. एक टाइम में सिर्फ काजल और लिपस्टिक लगाते थे लेकिन जब मैंने परफॉर्म करना शुरु किया तो मैंने पाया कि स्किन में जलन हो रही है क्योंकि लाइटिंग बहुत तेज स्टेज पर होती है वो स्किन को खराब करती है. उसके बाद मैंने मेकअप करना शुरु किया. टीवी और फिल्मों में थोड़ाऔर ज्यादा मेकअप करना होता है. यहां लाइट इतनी हैवी होती है कि बिना मेकअप के आपकी स्किन अच्छी दिखेगी ही नहीं.
आपका बेटा कब फिल्मों से जुड़ने वाला है ?
हमारा बेटा आसमान भारद्वाज फिल्म मेकिंग पढ़ रहा है न्यूयॉर्क में. मई में वह वापस आएगा. उसको 2020 में बतौर निर्देशक लांच करने की तैयारी है. आकर थोड़ी और स्ट्रगल करेगा. उसे थ्रिलर और एक्शन जॉनर बहुत पसंद है.
सिंगिंग रियलिटी शो पर आपका क्या कहना है ?
मुझे सिंगिंग रियलिटी शो जज करना बहुत पसंद नहीं है. मैंने बहुत जल्द ही ऐसे शोज से किनारा कर लिया. वहां पर सिर्फ आपको तुलना करना सीखाया जाता है. इससे आप में हीन भावना ज्यादा आती है. मैं ये भी कहूंगी कि कुछ शोज अच्छे भी हैं. जहां पर प्रतिभाको बढावा मिलता है लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है।कुछ क्वालिटी होना जरुरी है. हम उनको सीखाते हैं कि वोट फॉर मी कैसे बोलना है . उनको स्टार बना देते हैं. उनका मेकओवर कर देते हैं लेकिन जो असली स्ट्रगल आता है. उसके लिए हम उन्हें तैयार नहीं करते हैं. एक साल के बाद जैसे ही रियैलिटी शो बंद हो ता है. वो गिन्नी पिग्स को अंधेरे में छोड दिया जाता है. शादियो के शोज में 50 हजार लेकर गाते हैं. वो खुद को तो खोज ही नहीं पाते हैं. विदेशों की नकल पर हम शो तो ले आते लेकिन हम भूल जाते हैं विदेशो में बच्चे 16 साल बाद घर से बाहर रहने लगते हैं. खुद से लोन लेकर पढ़ाई करते है लेकिन हमारे यहां ऐसा नहीं होता है। हमारा बस चले तो सारी जिंदगी हम अपने बच्चों के साथ ही रहें.
आपके बेटे को संगीत में कितनी रुचि है ?
हमारी जो कोशिश रही है वो ये कि उसे मेडिओक्रेसी के लिए जागरुक बनाएं. बच्चा अगर आपका थोड़ा कम अच्छा भी काम करें तो आप उसे बढावा देते हैं , हम वो करते हैं लेकिन साथ में ये भी बोलते हैं कि इससे अच्छा और हो सकता है. क्वालिटी में थोड़ा कम है. ये समझ उसमे है. सलाहियत उम्र के साथ और आनी शुरु हुई. क्योकि वो बचपन से मेरे और विशाल के क्लासिकल रियाज सुनता था. मेरे गानों की नकल करते हुए गाता था बचपन में. पलटे गाता था. फिर गिटार और वेस्टर्न म्यूजिक से जुडा. वो क्वालिटी के प्रति जागरुक होना जरुरी है. वो अच्छा काम करें. हमारी यही चाहत हैं. मैंने उसकी शॉर्ट फिल्म में गाना गाया है. जिसे स्पेशली गुलजार साहब ने लिखा है. विशाल ने कंपोज किया.
श्रोता के तौर पर आपको किस तरह का संगीत पसंद है ?
मुझे हर तरह का म्यूजिक पसंद है. जैज भी सुनती हूं मुझे उसपर डांस करना पसंद है।कोई भी संगीत जैसे ही वो शोर हो जाता है फिर मुझे वो पसंद नहीं. हमारे यहां के रिमिक्स बहुत खराब लगते है क्योंकि हमारे यहां गंदी सेंसिबिल्टी के साथ ही उसे पेश करते हैं सिर्फ ढिंचैक ढिंचैक ही होता है. रिमिक्स के नाम पर विशाल और शंकर महादेवन ने कहा था कि कंपोज करने की क्षमता जिसमें नहीं है.वो रीमिक्स करते हैं. वो जब संगीत कंपोज करते हैं तो उन्हें लगता है कि वो इबादत पर बैठे है. अपने गानों को हम रिअरेंज कर लेंगे लेकिन रिमिक्स के नाम पर ढिंचैक ढिंचैक नहीं कर सकते हैं.
आपके आने वाले बॉलीवुड गाने क्या है ?
सोनचिरैया में दो गाने है. एक सुखविंदर के साथ एक सोलो है. बहुत ही अच्छे गाने है. एक लोरी गायी है मेरी प्यारे प्राइम मिनिस्टर में. चार पांच नए लोगों की फिल्मों के लिए भी गाने गाए है.