Film Review: लिव इन रिलेशनशिप पर बनी है फिल्‍म ”लुका छुपी”

II उर्मिला कोरी II फ़िल्म : लुका छिपी निर्माता : दिनेश विजन निर्देशक : लक्षमण उतरेकर कलाकार : कार्तिक आर्यन, कृति सेनॉन, पंकज त्रिपाठी,विनय रेटिंग : ढाई ‘सलाम नमस्ते’, ‘शुद्ध देशी रोमांस’ के बाद ‘लुका छिपी’ भी लिव इन यानी शादी से पहले साथ रहने की कहानी है लेकिन इस फ़िल्म की कहानी कॉमेडी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 2, 2019 7:23 AM

II उर्मिला कोरी II

फ़िल्म : लुका छिपी

निर्माता : दिनेश विजन

निर्देशक : लक्षमण उतरेकर

कलाकार : कार्तिक आर्यन, कृति सेनॉन, पंकज त्रिपाठी,विनय

रेटिंग : ढाई

‘सलाम नमस्ते’, ‘शुद्ध देशी रोमांस’ के बाद ‘लुका छिपी’ भी लिव इन यानी शादी से पहले साथ रहने की कहानी है लेकिन इस फ़िल्म की कहानी कॉमेडी की चाशनी में पूरी तरह से डूबी है. फ़िल्म की कहानी की बात करें तो फ़िल्म का बैकड्रॉप मथुरा है. फ़िल्म गुड्डू मिश्रा (कार्तिक आर्यन) की है जो एक लोकल न्यूज़ चैनल में रिपोर्टर है. उसे पहली नज़र में रश्मि से प्यार हो जाता है. रश्मि मथुरा के नेता की बेटी है जो संस्कृति रक्षा मंच चलाते हैं और खुद को भारतीय संस्कृति का रक्षक करार देते हैं.

गुड्डू और रश्मि में प्यार हो जाता है. रश्मि शादी से पहले लिव इन में गुड्डू के साथ रहना चाहती है ताकि उसे परख सके कि वो उसके लिए सही जीवनसाथी है या नहीं. साथ में दोनों ग्वालियर में रहते हैं.

दोनों शादी का फैसला करते हैं लेकिन इससे पहले वो घरवालों को बताते घरवाले उनतक पहुँच जाते हैं. उन्हें लगता है कि उन्होंने छिपकर शादी कर ली है. अब क्या होगा इसके लिए फ़िल्म देखनी होगी.

फ़िल्म का फर्स्ट हाफ बहुत कमज़ोर है लेखन थोड़ा सधा होने की ज़रूरत थी. सेकंड हाफ में कहानी रफ्तार पकड़ती है. फिर कॉमेडी शुरू होती है. सेकंड हाफ ठीक बन पड़ा है. गानों के इस्तेमाल के ज़रिए अच्छी कॉमेडी बनी है. रश्मि का किरदार शुरुआत में मॉडर्न बताया गया है लेकिन फिर जिस तरह से वो रस्मों रिवाज वाली शादी चाहती है. वो बात अटपटी सी लगती है. फ़िल्म में धर्म और संस्कृति के ठेकेदारों पर सवाल उठाती है जो युवाओं की मर्जी पर अपनी मनमानी थोपते हैं लेकिन हल्के फुल्के अंदाज़ में.

अभिनय की बात करें तो आर्यन और कृति अपनी भूमिका में जमे हैं. उनकी केमिस्ट्री अच्छी है. पंकज त्रिपाठी और विनय पाठक सहित सभी कलाकारों ने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया हैं. फ़िल्म की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है. ग्वालियर और मथुरा की गलियों को बखूबी उकेरा गया है. फ़िल्म के गाने याद नहीं रहते हैं. कुलमिलाकर लुकाछिपी एक हल्की फुल्की फ़िल्म है.

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