मुंबई : सुपरस्टार शाहरूख खान का मानना है कि विभिन्न संस्कृतियों, नस्लों, देशों और धर्मों के लोगों के बीच बंधन को मजबूत करने के लिए हास्य और मनोरंजन एक शक्तिशाल औजार के तौर पर काम करता है. खान को लंदन की द यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ ने शुक्रवार को परोपकार में डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा है.
उनका मानना है कि दुनिया भर में उनकी प्रसिद्धी का कारण यह है कि उन्होंने पर्दे पर जो व्यक्त किया वो सार्वभौमिक भाव था जिससे हर कोई खुद को जोड़ लेता है.
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे लिए सबसे बड़ी सीख यह है कि सभी जातियों, संस्कृतियों, देशों और धर्मों में मानव बंधनों को मजबूत करने के लिए हास्य और मनोरंजन की औजार के रूप में सराहना की जाए. मुझे सर्दियों की जमा देने वाली शाम में जर्मनी में प्रशंसकों से मुलाकात याद है. उनमें से कोई भी हिन्दी का एक शब्द नहीं बोलता था, उन्होंने कहा कि वे मेरी फिल्मों को बिना सबटाइलों के देखकर भी सबकुछ समझ सकते हैं.”
खान ने कहा, ‘‘ यह बॉलीवुड के मेलोड्रामा प्लॉट का नतीजा हो सकता है लेकिन इसकी अधिक संभावना थी कि जिस भावनाओं को साझा किया गया है और उन्हें व्यक्त करने के लिए जिस सरल भाषा का इस्तेमाल किया गया है वो सब तक पहुंचती है.”