बॉलीवुड अदाकारा तनुश्री दत्ता #MeToo कैंपेन को लेकर सुर्खियों में छाई रही थीं. यह तब शुरू हुआ जब अभिनेत्री लंदन से लौटीं थी और लौटते ही उन्होंने दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उन्होंने बताया था कि एक्टर ने साल 2008 में फिल्म ‘हॉर्न ओके प्लीज’ के सेट पर उनके साथ छेड़छाड़ की थी. एक टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में अभिनेत्री ने अभिनेता पर न सिर्फ संगीन आरोप लगाये थे बल्कि सेट पर अपने साथ हुई मारपीट का भी खुलासा किया था. उनके इस बयान ने इंडस्ट्री में भूचाल ला दिया था.
इस मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया और नाना पाटेकर के खिलाफ FIR दर्ज की. लेकिन अब नाना पाटेकर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कमजोर पड़ती नजर आ रही है.
मिड डे की रिपोर्ट के अनुसार, ओशिवारा पुलिस को पिछल सात महीनों के दौरान ऐसा एक भी स्टेटमेंट नहीं मिला जो उत्पीड़न के सच को बयां कर सके.
मिड डे की रिपोर्ट के मुताबिक, तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर के मामले में पुलिस ने लगभग 15 लोगों के बयान रिकॉर्ड किये थे. इनमें अभिनेत्री डेजी शाह भी शामिल थीं, जो उस समय ‘हॉर्न ओके प्लीज’ के कोरियोग्राफर गणेश आचार्य की असिसटेंट थी. कोई भी गवाह तनुश्री के बयानों की पुष्टि नहीं कर सका. डेजी ने यह भी बताया कि वह उस घटना को याद नहीं कर पा रही हैं जो लगभग एक दशक पहले हुआ था.
पुलिस के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए तनुश्री दत्ता ने मिड डे से कहा,’ ये 15 गवाह कौन हैं ? वे नाना के दोस्त हैं और वे मेरी कहानी को गलत की ठहरायेंगे. मुझे यह साबित करने के लिए गवाहों की जरूरत नहीं है कि मेरा शोषण हुआ है.’
उन्होंने आगे कहा,’ लोगों की मानसिकता ऐसी है कि वे ऐसे अपराधियों को बचाने के लिए झूठ बोलेंगे और महिला को गलत साबित करेंगे. हमने गवाहों को अपना बयान देने के लिए काफी समझाया जिसमें हमें बहुत कठिनाईयों को सामना करना पड़ा क्योंकि वे डरे हुए थे. नकली गवाहों को सामने लाया जा रहा है और वे झूठ बोल रहे हैं.’