बॉलीवुड के उम्दा अभिनेताओं में से एक परेश रावल का आज जन्मदिन है. अपनी जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग और दमदार अभिनय से परेश रावल ने दर्शकों के बीच एक अमिट छाप छोड़ी है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआती दौर में एक विलेन के रूप में खुद को स्थापित करने के बाद उन्होंने कॉमेडी की ओर रुख किया. कम ही लोग इस बात को जानते हैं कि अभिनेता कभी सिविल इंजीनियर की नौकरी पाने के लिए संघर्ष किया करते थे लेकिन आज वे जिस मुकाम पर हैं सफलता उनके कदम चूम रही है.
‘नाम’ से मिली पहचान
परेश रावल का जन्म 30 मई 1950 को मुंबई के एक गुजराती परिवार में हुआ था. उन्होंने मुंबई में ही अपनी पढ़ाई पूरी की. उन्होंने साल 1985 में फिल्म ‘अर्जुन’ से डेब्यू किया था. साल 1986 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘नाम’ से शोहरत हासिल की थी. महेश भट्ट के निर्देशन में बन रही इस फिल्म में संजय दत्त और नूतन ने मुख्य भूमिका निभाई थी. इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में दी.
बैंक में नौकरी
कम ही लोग इस बात को जानते हैं कि परेश ने कुछ समय बैंक ऑफ बड़ौदा में काम किया था. इसके बाद उनको इस बात का एहसास हुआ कि उनके अंदर अभिनय की क्षमता है और वे इस क्षेत्र में आ गये. अभिनय के क्षेत्र में उनकी मेहनत रंग लाई और आज भी बॉलीवुड के चर्चित सितारों में गिने जाते हैं.
पूर्व मिस इंडिया से शादी
परेश रावल ने पूर्व मिस इंडिया (1979) स्वरूप संपत से शादी की है. साल 1975 में पहली बार परेश रावल ने स्वरूप संपत को एक कार्यक्रम में देखा था. उसी वक्त से उन्होंने स्वरूप से शादी करने का मन बना लिया था. उनके दो बच्चे हैं अनिरुद्ध और आदित्य.
राजनीति में रखा कदम
परेशा रावल अभिनय के साथ-साथ राजनीति में भी कदम रख चुके हैं. यह बात किसी से छुपी नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर ही परेश रावल ने राजनीति में कदम रखा है. पीएम मोदी भी परेश रावल के अभिनय के कायल हैं. यह कहना गलत न होगा कि परेश रावल बहुमुखी प्रतिभा के धनी है. परेश रावल अहमदाबाद पूर्व, गुजरात से वर्तमान में सांसद हैं और ही मुद्दे पर बेबाकी स अपनी राय रखते हैं.
चर्चित फिल्में
परेश रावल ने अंदाज अपना अपना (1994), हेरा फेरी (2000), नायक (2001), हंगामा (2003), हलचल (2004), दीवाने हुए पागल (2005), गरम मसाला (2005), फिर हेरा फेरी (2006), गोलमाल : फन अनलिमिटेड (2006), भागम भाग (2006), भूल भूलैय्या (2007), वेलकम (2007), ओएमजी- ओ माई गॉड (2012), वेलकम बैक (2015) और टाइगर जिंदा है (2017) जैसी सुपरहिट फिल्मों में नजर आ चुके हैं.
पुरस्कार
परेश रावल को दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. साल 2014 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से नवाजा था. जल्द ही उन्हें महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज कपूर अवॉर्ड (Raj Kapoor Award) से सम्मानित भी किया जायेगा.