II उर्मिला कोरी II
फ़िल्म: कबीर सिंह
निर्देशक: संदीप वांगा
कलाकार: शाहिद कपूर, कियारा आडवाणी, कामिनी कौशल,सोहम मजूमदार और अन्य
रेटिंग: साढ़े तीन
‘कबीर सिंह’ तेलुगु की सुपरहिट फ़िल्म ‘अर्जुन रेड्डी’ का ऑफिशियल रीमेक के बजाय कट कॉपी पेस्ट कहा जाए तो गलत न होगा. सीन से लेकर संवाद तक सब फ़िल्म से हूबहू मिलते हैं. खैर फ़िल्म पर आते हैं. यह एक लव स्टोरी फ़िल्म है. मेडिकल कॉलेज बैकड्रॉप पर जहां सीनियर कबीर को जूनियर प्रीति से प्यार हो जाता है. इस प्यार के खिलाफ लड़की के पिता है लेकिन आम बॉलीवुड फिल्म की तरह नहीं, दो लोगों के बीच इस कदर जुनूनी इश्क़ है कि जब प्यार में दूरियां आ जाती हैं तो प्रेमी खुद को ताबही के रास्ते में झोंक देता है.
क्या वह प्यार में फना हो जाएगा या कहानी कोई और मोड़ लेगी इसके लिए आपको फ़िल्म देखनी होगी. फ़िल्म की कहानी सुनने में भले ही नयी नहीं लगती है लेकिन उसका ट्रीटमेंट फ़िल्म को नया बनाता है.
नायक का सेल्फ डिस्ट्रक्शन मंजनू की तरह नहीं बल्कि वह ड्रग, शराब जैसे चीजों में मानसिक सुख तलाशता है. सिर्फ यही नहीं उसके बाद वो लड़कियों का भी इस्तेमाल करता है. हीरो को वरशिप करने वाले हमारे समाज में ऐसे हीरो को देखना थोड़ा अलग है. फ़िल्म में जब नायक नायिका के साथ भी हिंसक व्यवहार करता है तो वो बात थोड़ी अखरती है. फ़िल्म का सबसे कमजोर पक्ष इसकी लंबाई है। तीन घंटे का लंबा अंतराल अखरता है.
अभिनय की बात करें तो शाहिद कपूर कबीर सिंह के किरदार में पूरी तरह रच बस गए हैं. एनर्जी से भरपूर कॉलेज स्टूडेंट के किरदार से नशे में धुत सर्जन की भूमिका उन्होंने बखूबी निभाई है. शाहिद कपूर का अभिनय फ़िल्म की सबसे बड़ी यूएसपी है. कियारा फ़िल्म में बहुत प्यारी लगी हैं.
फ़िल्म में दोस्त की भूमिका में नज़र आए सोहम मजूमदार की भूमिका उल्लेखनीय है. लेजेंडरी एक्ट्रेस कामिनी कौशल को देखना दिलचस्प है।बाकी के किरदार भी ठीक ठाक हैं. फ़िल्म के गीत संगीत की बात करें तो वह अच्छा है खासकर बेखयाली गीत. फ़िल्म की सिनेमेटोग्राफी और दूसरे पक्ष अच्छे हैं. पैशनेट लव स्टोरी और शाहिद के परफॉर्मेंस के लिए ये फ़िल्म देखी जा सकती है.