बॉलीवुड अभिनेत्री शबाना आजमी को उनके एक बयान के चलते जमकर ट्रोल किया जा रहा है. शबाना ने 6 जुलाई को इंदौर में एक जनसमूह को संबोधित करते हुए बयान दिया था कि अगर कोई सरकार की आलोचना करता है तो उसे राष्ट्रविरोधी कहा जाता है. उनके इसी बयान को लेकर उनपर निशाना साधा जा रहा है. इंडियन पीपुल्स थियेटर एसोसिएशन की राष्ट्रीय समिति ने शबाना आजमी का समर्थन किया है.
IPTA के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर सिंह और महासचिव राकेश ने कहा कि, शबाना आज़मी सच्ची देशभक्त और चैंपियन हैं और उन्होंने देश के सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने में अहम योगदान दिया है. IPTA शबाना आज़मी के साथ खड़ा है.
शबाना आजमी ने कहा था, अगर हम कमियों पर ध्यान नहीं देंगे तो स्थितियां कैसे सुधरेंगी? उन्होंने कहा था, लेकिन अब माहौल ऐसा है कि अगर आप विशेषकर सरकार की आलोचना करते हैं तो आपको तुरंत राष्ट्रविरोधी बता दिया जाता है. हमें इससे नहीं डरना चाहिए. उन्हें किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है.
इस बयान को लेकर आलोचना होने पर शबाना आजमी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर लिखा, मेरी एक टिप्पणी को लेकर इतना हंगामा? मुझे नहीं पता था कि मैं दक्षिणपंथियों की नजरों में इतना महत्व रखती हूं. दीपा मेहता की फिल्म ‘वॉटर’ के लिए मेरा सिर मुंडवाने पर मेरे खिलाफ मुस्लिम चरमपंथियों ने फतवा जारी किया था जिस पर जावेद अख्तर का जवाब था ‘चुप रहो’.
उन्होंने कहा, मैं लोगों को याद दिलाना चाहती हूं कि मेरे पिता कैफी आजमी ने उत्तर प्रदेश के एक मंत्री के इस बयान के विरोध में कांग्रेस के केन्द्र की सत्ता में रहते अपना पद्म श्री सम्मान लौटा दिया था कि उर्दू को दूसरी भाषा का दर्जा दिलाने की मांग करने वालों का मुंह काला करके गधे पर घुमाना चाहिए.