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उन्‍नाव रेप केस पर बोलीं तनुश्री दत्‍ता- भारत बलात्‍कार की महामारी से पीड़ित…

तनुश्री दत्‍ता ने #MeToo कैंपेन के तहत नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस मामले ने तूल पकड़ा और तनुश्री के बाद कई महिलायें सामने आईं और अपनी आपबीती सुनाई. तनुश्री दत्‍ता एक बार फिर सामने आई हैं लेकिन इस बार उन्‍होंने देश में हो रही बलात्‍कार की घटनाओं पर आवाज उठाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2019 9:54 AM

तनुश्री दत्‍ता ने #MeToo कैंपेन के तहत नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस मामले ने तूल पकड़ा और तनुश्री के बाद कई महिलायें सामने आईं और अपनी आपबीती सुनाई. तनुश्री दत्‍ता एक बार फिर सामने आई हैं लेकिन इस बार उन्‍होंने देश में हो रही बलात्‍कार की घटनाओं पर आवाज उठाई है. उन्‍नाव रेप केस को लेकर उन्‍होंने कहा- हमारा महान देश भारत धीरे-धीरे बलात्‍कार की महामारी से पीड़ित होता जा रहा है. उन्‍नाव रेप केस इस बात का जीता-जागता और भयानक उदाहरण है.

उन्‍होंने कहा,’ भारत से आनेवाली खबरों का एक बड़ा हिस्‍सा महिलाओं और बच्‍चों के साथ बलात्‍कार, सामूहिक बलात्‍कार, कन्‍या भ्रूण हत्‍या, दहेज के लिए जला कर मार देना और बलात्‍कार के बाद मारे जाने के बारे में हैं.’

तनुश्री दत्‍ता ने सोमवार को एक स्‍टेटमेंट जारी कर ये बातें कहीं. अभिनेत्री ने कहा,’ दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं जहां समुद्रतट पर महिलायें किसी भी अवस्‍था में रहें, वहां कोई रेप या ईव-टीजिंग नहीं होती. कुछ लोग ऐसे में हैं जो संस्‍कारी कल्‍चर का राग अलापते हैं और उसके बाद उन महिलाओं को जज करती हैं जो शॉर्ट्स और बिहनी पहनती है.’

तनुश्री दत्‍ता ने कहा कि देश के लोगों को अपनी मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है. उन्‍होंने कहा,’ समस्या पर्दा नहीं बल्कि आपकी मानसिकता है. अपनी आँखें खोलो और उस अंधेरे को समझो जो इस राष्ट्र को डूबो रहा है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बलात्कार एक महामारी की तरह फैल रही है.’

उन्‍होंने आगे कहा,’ बलात्कार, अवसाद, ड्रग्स, युवाओं की हत्‍या कर रहा है. मानवीय खुशी में भारी गिरावट क्यों आई? क्या हमने नैतिक, धार्मिक और सामाजिक मूल्यों को मानवीय मूल्यों से ऊपर रखा है? फिर यह तार्किक अंतिम परिणाम है. अराजकता, दर्द, पीड़ा और आतंक! अब लोगों को उस मासूमियत की स्थिति ले जाइये जब आप बच्चों की तरह थे. फिर एक समय आएगा जब यह अंधेरा हर किसी को एक या दूसरे तरीके से भस्म कर देगा. 1.6 अरब लोगों के दिमाग और विचार-प्रक्रिया को नवीनीकृत करने की आवश्यकता है. आंतरिक परिवर्तन की तत्काल आवश्यकता है.’

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