बॉलीवुड फिल्ममेकर और रितिक रोशन के नाना जे ओम प्रकाश का बुधवार सुबह निधन हो गया. वे 93 वर्ष के थे. वे बढ़ती उम्र से संबंधित बीमारियों से परेशान थे. ‘आप की कसम’ और ‘आखिर क्यों’ जैसे फिल्में बना चुके निर्देशक के निधन से बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर है. अमिताभ बच्चन ने जे ओम प्रकाश के निधन पर दुख प्रकट किया है. उन्होंने ट्वीट किया,’ जे ओम प्रकाश, श्रेष्ठ प्रोड्यूसर-डायरेक्टर का आज सुबह निधन हो गया… एक दयालु सौम्य मिलनसार… मेरे पड़ोसी, रितिक के दादा… उदासीन !! उनकी आत्मा के लिए प्रार्थना.’
T 3251 – J OM PRAKASH ji Producer Director of eminence, passed away this morning .. a kind gentle affable being .. my neighbor, Hrithik's grandfather .. sad !! Prayers for his soul .. 🙏
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) August 7, 2019
डायरेक्टर जे ओम प्रकाश सुबह 8 बजे उन्होंने मुंबई स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. सिनेमा में इनका योगदान एक यादगार उपहार की तरह है. इनका अंतिम संस्कार आज दोपहर 12:30 बजे पवन हंस विले पार्ले में किया गया.
अभिनेता दीपक पराशर ने ट्वीट किया,’ मेरे सबसे प्यारे अंकल "श्री जे ओम प्रकाश" ने लगभग एक घंटे पहले अंतिम सांस ली. बेहद दुखी हूं. भारतीय सिनेमा में उनका योगदान एक उपहार की तरह है जो वे हमारे लिए छोड़ गए हैं! कुछ महीने पहले जब मैं उन्हें देखने गया था, तब यह तस्वीर खींची थी! शांति !.’
My dearest uncle “Mr J Om Prakash”passed away about an hour ago 😞 So saddened as he joins his friend, my Mamaji “Mr Mohan Kumar “in heaven ! Their contributions to Indian cinema is a gift they left behind for us ! Took this pic few months ago when went to see him ! Om Shanti ! pic.twitter.com/rRuODYcQ2Z
— Deepak Parashar (@dparasherdp) August 7, 2019
रितिक अपने नाना के बेहद करीब थे. जे ओम प्रकाश के 92वें जन्मदिन पर रितिक ने एक पार्टी भी आयोजित की थी. जिसकी कई तसवीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. नाना एक तसवीर शेयर करते हुए अभिनेता ने लिखा था कि उन्होंने पढ़ाई करने के लिए काफी मेहनत की थी. उन्होंने यह भी लिखा था कि, नाना ने किताबों के लिए अपनी शादी की अंगूठी बेच दी थी, स्ट्रीअ लैंप के नीचे बैठकर पढ़ाई की थी. रितिक ने बताया था कि उनके नाना की उनके सबसे बड़े गुरु हैं.
जे ओम प्रकाश ने कई फिल्मों को डायरेक्ट किया था, जिनमें आदमी खिलौना है (1993), अर्पण (1983), अपना बना लो (1982), आशा (1980) और अपनापन शामिल है. उन्होंने एक प्रोड्यूसर के तौर पर आया सावन झूम के (1969), आई मिलन की बेला (1964), आये दिन बहार के (1966) और आंखों आंखों में (1972) जैसी फिल्में प्रोड्यूस की.