रांची : फिल्म ‘छोटे सरकार’ के गाने के विवाद में 22 साल बाद फिल्म अभिनेता गोविंदा व अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को बड़ी राहत मिली. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता की अदालत ने गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए 1997 में पाकुड़ की निचली अदालत द्वारा लिये गये संज्ञान आदेश को निरस्त कर दिया. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र ने बताया कि सिनेमेटोग्राफी एक्ट के तहत फीचर फिल्म प्रदर्शित करने का प्रमाण पत्र निर्गत हो गया है, तो फिल्म के अंदर किये गये कार्यों को आपराधिक मामला नहीं बनाया जा सकता है. प्रार्थियों ने सिर्फ अभिनय किया था.
उन्होंने छोटे सरकार फिल्म के गाने एक चुम्मा तो मुझको उधार दे दे, बदले में यूपी-बिहार ले ले… को नहीं गाया है. गाना तो कुमार शानू व अलका याग्निक ने गाया था.
अधिवक्ता श्री मिश्र ने बताया कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम के मामले में पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा कि वह आदेश इस मामले में भी लागू होता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फिल्म का प्रमाण पत्र निर्गत होने के बाद कलाकारों पर आपराधिक मामला नहीं चलाया जा सकता है.
वहीं प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता अरविंद चौधरी ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी फिल्म अभिनेता गोविंदा व अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने अलग-अलग क्वैशिंग याचिका दायर कर निचली अदालत के आदेश व वारंट को चुनौती दी थी.
पाकुड़ के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने पांच जून 1997 को शिकायतवाद पर संज्ञान आदेश पारित किया था. बाद में वारंट भी जारी किया गया था. शिकायतकर्ता अधिवक्ता मोहनी मोहन तिवारी ने पाकुड़ की अदालत में फिल्म छोटे सरकार के गाने को अश्लील बताते हुए शिकायतवाद दर्ज करायी थी. पूर्व में हाइकोर्ट द्वारा अंतरिम आदेश पारित कर वारंट पर रोक लगा दी गयी थी.