बर्थडे: डॉक्‍टर को दिल दे बैठी थीं वैजयंती माला, जानें ये अनसुनी बातें

हिंदी सिनेमा ने अपने बीते 100 सालों में कई खूबसूरत और अद्भुत नायिकाओं से परिचय कराया. इन्‍हीं सुंदरतम नायिकाओं में एक नाम था वैजयंती माला का. इनकी खूबसूरती, नृत्‍यकला और अभिनय कौशल ने बॉलीवुड में इन्‍हें एक अलग ही मुकाम दिया. बॉलीवुड में आज तक इनको कोई दूसरा विकल्‍प कोई खोज नहीं पाया. इस सदाबहार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2019 11:09 AM

हिंदी सिनेमा ने अपने बीते 100 सालों में कई खूबसूरत और अद्भुत नायिकाओं से परिचय कराया. इन्‍हीं सुंदरतम नायिकाओं में एक नाम था वैजयंती माला का. इनकी खूबसूरती, नृत्‍यकला और अभिनय कौशल ने बॉलीवुड में इन्‍हें एक अलग ही मुकाम दिया. बॉलीवुड में आज तक इनको कोई दूसरा विकल्‍प कोई खोज नहीं पाया. इस सदाबहार अभिनेत्री का जन्‍म 13 अगस्‍त 1936 को चेन्‍नई के एक ब्राह्म्‍ण परिवार में हुआ था. उन्होंने करीब 2 दशकों तक हिंदी सिनेमा पर राज किया. अपने दौर के सभी बड़े अभिनेताओं के साथ काम किया.

वैजयंती माला ने साउथ इंडस्‍ट्री के बाद हिंदी सिनेमा में पर्दापण किया था. महज 13 साल की उम्र में वैजयंती माला ने एक्टिंग के क्षेत्र में कदम रखा था. उनकी मां भी 1940 के दशक की मशहूर तमिल अदाकारा थीं.

दक्षिण भारत से आकर राष्‍ट्रीय अभिनेत्री का दर्जा करनेवाली वे पहली अभिनेत्री थी. ‘ट्विन्कल टोज़’ (twinkle toes) के नाम से लोकप्रिय रहीं वैजयंती माला एक कुशल नृत्‍यागंना भी थी. उन्‍होंने वर्ष 1951 में फिल्‍म ‘बहार’ से बॉलीवुड में कदम रखा था. यह फिल्‍म सुपरहिट रही थी.

वे हिंदी और तमिल फिल्‍मों में एकसाथ काम करती थी. यह उनके अभिनय के प्रति समर्पण ही था कि उन्‍होंने हिंदी फिल्मों में काम करने के लिए हिंदी सीखी. वर्ष 1954 में आई उनकी फिल्‍म ‘नागिन’ ने उनके करियर को एक नई उड़ान दी. इसके बाद वर्ष 1955 में उन्होंने फिल्‍म ‘देवदास’ में चंद्रमुखी का किरदार निभाया. इसके बाद तो दर्शक जैसी उनकी अभिनय के कायल हो गये. इस फिल्‍म के लिए उन्‍हें फिल्‍मफेयर अवार्ड मिला.

साल 1964 में आई फिल्‍म संगम में उन्‍होंने राधा का किरदार निभाया था जो उस दौर के हिसाब से काफी बोल्‍ड माना जाता था. वैजयंती माला एक्ट्रेस होने के साथ-साथ एक बेहतरीन डांसर भी हैं जिसकी झलक उनकी फिल्‍मों में भी दिखी. वे भरतनाट्यम की डांसर, कर्नाटक शैली की सिंगर और डांस टीचर भी रही हैं. वैजयंती माला की निजी जिंदगी भी काफी विवादों में रही.

60 के दशक में वैजयंती माला का नाम शोमैन के नाम से मशहूर राज कपूर के साथ जुड़ा था. कहा जाता है कि दोनों इस रिश्‍ते को आगे लेकर जाना चाहते थे लेकिन राज कपूर पहले से शादीशुदा थे और उनके बच्‍चे भी थे. राज कपूर की पत्‍नी कृष्‍णा कपूर को जब वैजयंती माला और उनके बारे में पता चला वे घर छोड़कर चली गईं थीं और करीब साढ़े चार महीने तक मुंबई के नटराज होटल में रही थीं. राज कपूर के काफी मनाने के बाद कृष्‍णा कपूर इस शर्त पर मानी कि वो फिर कभी वैजयंती माला के साथ कोई फिल्‍म नहीं करेंगे. फिल्म ‘संगम’ के बाद वैजयंती माला और राज कपूर ने फिर कभी किसी फिल्म में काम नहीं किया.

साल 1968 में वैजयंती माला ने चमनलाल बाली से शादी कर ली. दोनों का एक बेटा सुचिन्द्र बाली है. वैजयंती माला और चमनलाल बाली की लव स्टोरी भी बड़ी दिलचस्‍प है. कहा जाता है एक बार वैजयंती माला को निमोनिया हो गया था, उनका इलाज डॉ बाली कर रहे थे. इलाज के दौरान ही दोनों में प्‍यार हो गया और फिर दोनों ने शादी करने का फैसला किया.

वैजयंती माला की हिट फिल्‍मों में ‘संघर्ष’, ‘मधुमति’ और ‘पैगाम’, ‘लीडर’, नया दौर, नयी दिल्‍ली, देवदास, मधुमति, गंगा जमुना और संगम जैसी कई फिल्‍में शामिल है.

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