अभिषेक की तमन्ना है ध्यानचंद पर फिल्म बनाएं शाहरूख
आजकल बॉलीवुड में खिलाडियों के जीवन पर बनने जा रहे फिल्म की होड लगी हुइ है. महान बॉक्सर ‘मेरीकॉम’ के जीवन पर प्रियंका चोपडा अभिनित फिल्म रिलीज होने जा रही है. इस फिल्म में प्रियंका ने खुद मेरीकॉम का किरदार निभाया है. अब खबर यह आ रही है कब्ड्डी टीम के मालिक जूनियर बच्चन अभिषेक […]
आजकल बॉलीवुड में खिलाडियों के जीवन पर बनने जा रहे फिल्म की होड लगी हुइ है. महान बॉक्सर ‘मेरीकॉम’ के जीवन पर प्रियंका चोपडा अभिनित फिल्म रिलीज होने जा रही है. इस फिल्म में प्रियंका ने खुद मेरीकॉम का किरदार निभाया है. अब खबर यह आ रही है कब्ड्डी टीम के मालिक जूनियर बच्चन अभिषेक भी अब खिलाडियों के जीवन पर फिल्म बनाने की सोंच रहे हैं.
उन्होंने किंग खान को भी को हॉकी के महान खिलाडी मेजर ध्यान चंद की जीवनी पर फिल्म बनाने की सलाह दी है. अभिषेक बच्चन ने किंग खान से कहा कहा कि वो ध्यानचंद की तरह दिखते हैं उन्हें इस पर फिल्म जरूर बनानी चाहिए.
ध्यानचंद की बहुमुखी प्रतिभा के कारण लोग उन्हें जानते हैं. अपने मेहनत से भारत को तीन ओलंपिक मेडल दिलाने वाले ध्यानचंद उस वक्त भारत को हॉकी में सबसे दिग्गज टीम होने का खिताब दिलाया था. हॉकी के जादुगर ने फाइनल इंटरनेश्नल मैच्ा 1948 में खेला था.
एक खिलाडी जिसका जीवन बहुत आकर्षक रहा है. अस तरह की स्टोरी को सबके सामने लाना जरूरी है. ‘मैंने शाहरुख खान से इस बारे में बात की है और मुझे लगता है कि उन्हें खुद इसका रोल निभाना चाहिए. क्योंकि वो उनकी तरह दिखते भी हैं और थोडा वे अगर अपने बालों का स्टाइल चेंज कर लें तो वो बिल्कुल वैसे लगेंगे.
शाहरुख खान ने कहा है कि उन्हें इस महान खिलाडी के लाइफ पर फिल्म करने के लिए भी कफी लोगों ने अप्रोच कीया है.
किंग खान अपने स्कूल और कॉलेज के टाइम में एक एथलीट रहे हैं और उन्होंने हॉकी भी खेला है. जोनल और नेश्नल लेवल में क्रिकेट के अलावा शाहरुख हॉकी और फुटबॉल टीम के भी कप्तान रहे हैं.
बच्चन जो हाल ही में कबड्डी टीम पिंक पैंथर के मालिक है उन्होंने कहा कि वो भविष्य में चंद पर फिल्म बनने की सोंच रहे हैं. कबड्डी का भी इतिहास बहुत अच्छा रहा है. इसकी शुरूआत महाभारत के समय में हुई है जो 3000 साल पुरानी है. जिसमें बहुत सारी बातें ऐसी हैं जो लोगों को जाननी चाहिए.
मैं जरूर कबड्डी पर भी फिल्म बनाना चाहुंगा लेकिन अभी इस पर बनी फिल्म नहीं चली तो यह बहुत निराशाजनक होगी इसलिए मैं चाहता हूं कि एक बार हॉकी को राष्टीय पहचान मिलेने पर मैं जरूर इस बारे में प्रयास करूंगा.