लोगों के सामने रोने का मतलब मजबूत या कमजोर होना नहीं होता : सनी देओल
नयी दिल्ली : पिछले दशकों में पिता-पुत्र को बेशक ज्यादातर ‘ही-मैन’ वाली छवियों में दिखाया जाता था लेकिन धर्मेंद्र और सनी देओल की स्क्रीन के अलावा भी उनकी भावुक और दयालु छवि दिखती रही है. रोमांटिक ड्रामा फिल्म ‘पल पल दिल के पास’ में अपने बेटे करण देओल को लॉन्च करने के लिए तैयार सनी […]
नयी दिल्ली : पिछले दशकों में पिता-पुत्र को बेशक ज्यादातर ‘ही-मैन’ वाली छवियों में दिखाया जाता था लेकिन धर्मेंद्र और सनी देओल की स्क्रीन के अलावा भी उनकी भावुक और दयालु छवि दिखती रही है. रोमांटिक ड्रामा फिल्म ‘पल पल दिल के पास’ में अपने बेटे करण देओल को लॉन्च करने के लिए तैयार सनी ने कहा कि जनता के सामने रोने का मतलब मजबूत या कमजोर होना नहीं होता.
उन्होंने कहा, ‘हम अपने परिवार से काफी जुड़े हुए हैं. इसके बारे में बात करते हुए मैं काफी भावुक हो जाता हूं. इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता. हम वैसे ही हैं. आदमी एक आदमी होता है. आपको एक छवि में जीने की जरूरत नहीं होती.”
उन्होंने कहा, ‘वे कहते हैं कि आदमी रोते नहीं। रोने का मतलब मजबूत या कमजोर होना नहीं है. यह भावनाओं का निकलना है. इसे क्यों रोकना?” उनकी नयी फिल्म इस शुक्रवार को रिलीज हो रही है.
सनी का मानना है कि एक तरोताजा और मासूम रोमांस केवल युवाओं में ही दिखाया जा सकता है. सनी ने कहा, ‘‘35-40 की उम्र के बाद एक किशोर का किरदार निभाना बेवकूफी है. युवाओं से ऐसे किरदार निकालना आसान होता है. हर कोई प्रेम कहानियां पसंद करता है. मैं प्रेम कहानियां पसंद करता हूं. ‘प्यार मेरा नशा है’ यह सोशल मीडिया पर मेरा कैप्शन है.”