लता मंगेशकर जन्‍मदिन: जब इस गाने को सुन गायिका का नाम सुनने के लिए आतुर थे प्रशंसक

मखमली आवाज की मलिका स्‍वर कोकिला लता मंगेशकर आज अपना 90वां जन्‍मदिन मना रही हैं. आवाज के सुरीलेपन को एक शब्‍द में समेटना हो तो आप लता मंगेशकर कहिये प्रसंग पूरा हो जायेगा. उनका स्‍वभाव भी बेहद सौम्‍य और सरल है. लता मंगेशकर के गीत लोगों में ऊर्जा भरते हैं. लता मंगेशकर अब तक करीब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2019 10:11 AM

मखमली आवाज की मलिका स्‍वर कोकिला लता मंगेशकर आज अपना 90वां जन्‍मदिन मना रही हैं. आवाज के सुरीलेपन को एक शब्‍द में समेटना हो तो आप लता मंगेशकर कहिये प्रसंग पूरा हो जायेगा. उनका स्‍वभाव भी बेहद सौम्‍य और सरल है. लता मंगेशकर के गीत लोगों में ऊर्जा भरते हैं. लता मंगेशकर अब तक करीब 30 हजार से अधिक गीत गा चुकी हैं. साथ ही 36 क्षेत्रीय भाषाओं में भी अपनी आवाज का जादू बिखेर चुकी हैं. दादा साहब फाल्‍के पुरस्‍कार से सम्‍मानित लता मंगेशकर का करियर बेहद ही दिलचस्‍प रहा है.

लता मंगेशकर साल 1942 से ही गा रही हैं. उन्‍होंने अपने करियर की शुरूआत एक गायिका और अभिनेत्री के तौर पर की. उन्‍होंने ‘कीर्ति हसाल’ (1942) के लिए गीत रिकॉर्ड किया, लेकिन अंतिम कट के दौरान इस गाने को काट दिया गया.

उनका पहला हिंदी गीत ‘माता एक सपूत की दुनिया बदल दे तू’ था जो उन्‍होंने मराठी फिल्‍म Gajaabhaau (1943 के लिए गाया था. 1948 में संगीत निर्देशक गुलाम हैदर ने उन्हें एक गाने की सलाह दी. उन्होंने लता मंगेशकर को निर्माता शशधर मुखर्जी से मिलवाया, जो उस समय शहीद (1948) फिल्म में काम कर रहे थे. लेकिन मुखर्जी ने लता की आवाज़ को "बहुत पतला" कहकर खारिज कर दिया. हैदर ने नाराज होकर उन्‍हें जवाब दिया था कि आने वाले वर्षों में निर्माता और निर्देशक अपनी फिल्मों में गाने के लिए "लता के पैरों पर गिरेंगे.

हैदर ने उन्‍हें फिल्‍म मजबूर (1948) का गीत ‘दिल मेरा तोड़ा, मुझे कहीं का न छोड़ा’ गाने का मौका दिया. यह फिल्‍म सुपरहिट रही. इसके बाद भी उन्‍होंने कई सुपरहिट गाने गाये लेकिन उन्‍हें असल पहचान मिली फिल्‍म ‘महल’ के गाने ‘आएगा आने वाला’… से. पहले य‍ह गाना अभिनेत्री टुन टुन गानेवाली थीं. यह गाना लता मंगेशकर के हिस्‍से में आया और इसने इतिहास रच दिया.

इस गाने से एक बेहद दिलचस्‍प किस्‍सा जुड़ा हैं. दरअसल इस गीत में यह असर डालना था कि गाने की आवाज दूर से क्रमश: पास आ रही है. उस समय में देश में रिकार्डिंग कह तकनीक उतनी अधिक विकसित नहीं थी. रिकार्डिंग स्‍टूडियो के बीच में माइक रखा गया था और लता मंगेशकर को कमरे के एक कोने से गाते हुए धीरे-धीरे माइक के पास आना था. इस तरह गीत में वांछित प्रभाव पैदा किया गया.

इस गीत के गायिका के नाम में ‘कामिनी’ नाम छपा था. दरअसल फिल्‍म ‘महल’ में मधुबाला के किरदार का नाम ‘कामिनी’ था. फिल्‍म जब रिलीज हुई तो गीत काफी मशहूर हो गया. इसके बाद रेडियो पर श्रोताओं के ढेरों खत यह जानने के लिए पहुंचने लगे कि इस गीत की गायिका कौन हैं ? आखिरकार HMV रेडियो पर जानकारी प्रसारित करनी पड़ी कि इस गीत की गायिका का नाम लता मंगेशकर है.

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