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Durga Puja 2019: इन पूजा पंडालों में सेलेब्‍स हर साल धूमधाम से मनाते हैं दुर्गा पूजा

शारदीय नवरात्र का महा पर्व हर राज्य में अपनी अपनी परम्पराओं के अनुरूप मनाया जाता है. बॉलीवुड की बात करें तो यह कई धर्म, जाति और संस्कृति के मेल से बना है इसलिए यहां शारदीय नवरात्र में डांडिया और गरबा के साथ साथ पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के विश्व प्रसिद्ध दुर्गा पूजा का रंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2019 11:00 AM

शारदीय नवरात्र का महा पर्व हर राज्य में अपनी अपनी परम्पराओं के अनुरूप मनाया जाता है. बॉलीवुड की बात करें तो यह कई धर्म, जाति और संस्कृति के मेल से बना है इसलिए यहां शारदीय नवरात्र में डांडिया और गरबा के साथ साथ पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के विश्व प्रसिद्ध दुर्गा पूजा का रंग भी महोत्सव में नज़र आता है. जहां मां दुर्गा के भव्य पंडाल, धुनाची डांस, ढाक की गूंज सुनायी पड़ती है. बॉलीवुड से जुड़े प्रसिद्ध पूजा पंडालों और उनकी तैयारी पर उर्मिला कोरी की रिपोर्ट…

उत्तर मुम्बई सार्वजनिक पूजा

यह मुम्बई के सबसे पुराने दुर्गापूजा में से एक है. 72 साल पुरानी यह दुर्गा पूजा परम्परा रही है. फ़िल्म मेकर शशाधर मुखर्जी और उनकी पत्नी सतिरानी मुखर्जी ने साल 1947 में मुम्बई में इस पूजा की शुरुआत की थी तब से उनकी पीढियां इस पूजा को आगे बढ़ा रही है. मौजूदा दौर में काजोल, शरबानी मुखर्जी, अयान मुखर्जी, सम्राट मुखर्जी मिलकर ये पूजा करते हैं. यहां के पंडाल और मां दुर्गा की प्रतिमा की बात करें तो 25 फुट मां की भव्य प्रतिमा कमोबेश हर साल एक सी होती है. हां पंडाल को अलग-अलग ढंग से सजाया जाता है. इस पूजा पंडाल का सबसे खास आकर्षण ढेर सारे सेलेब्रिटीज़ की उपस्थिति के साथ साथ संधि पूजा होती है जो अष्ठमी के दिन होती है.

इस पंडाल में भोग ( प्रसाद)खाने के लिए लंबी कतारें लगती हैं और ये भोग काजोल, रानी मुखर्जी, रणबीर कपूर, अजय देवगन जैसे कई बड़े सितारे हर साल दर्शनार्थियों को बांटते दिखते हैं. सेलिब्रिटी और आम लोग सभी इस दुर्गा पूजा में एक हो जाते हैं.

सम्राट मुखर्जी जानकारी देते हुए कहते हैं कि इस पूजा की संस्थापक सतिरानी देवी ने इस पंडाल में अमीर गरीब सभी का बहुत प्यार से आदर किया है. उन्हें प्रसाद खिलाया है. हर साल की तरह इस साल भी हम भव्य पारंपरिक भोज का आयोजन कर रहे हैं. जिसमें पुलाव, खिचड़ी, पायस, दो तरह की सब्जी, दाल और मीठी चटनी सहित और भी बहुत कुछ होता है. उम्मीद है कि इन पांच दिनों में हर रोज़ कम से कम 10 हज़ार लोग आएंगे और प्रसाद खाएंगे. इस साल प्रीतम और उदित नारायण हमारे पंडाल में परफॉर्म भी करने वाले हैं. इस मंच ने कई प्रतिभाओं को मौका दिया है. जिन्होंने आगे अपना नाम बनाया है. हमारे पूजा पंडाल में संधि पूजा का विशेष आकर्षण होता है जब 108 दियों की लौ में सभी मिलकर लयबद्ध होकर धुनाची डांस करते हैं.

विश्वजीत की दुर्गा पूजा

60 के दशक में हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता रह चुके विश्वजीत पिछले 17 सालों से जुहू में दुर्गा पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं. इस पूजा पंडाल में रितिक रोशन का पूरा परिवार और अभिनेत्री विद्या बालन लगभग हर साल अपनी सशक्त उपस्थिति दर्शाते हैं. विश्वजीत की पत्नी इरा चटर्जी कहती हैं कि इस बार पूजा की जिम्मेदारी मैंने ली है क्योंकि वो (विश्वजीत) दूसरे काम में मशरूफ हैं. हमारे पूजा पंडाल की खासियत इसका गोल्डन लुक होता है. पिछले 16 वर्षों से हम ऐसी ही प्रतिमा और पंडाल बनाते रहे हैं. भोग में अलग अलग तरह की विविधता है. खिचड़ी, फ्राइड राइस,पायस और अलग अलग तरह के भाजा भोग में परोसा जाता है. जो कोई भी इस पूजा पंडाल में आता है. वो भोग खाए बिना जाता नहीं है. हर साल यहां पूजा पर विशेष नाच गाना होता है. कई आर्टिस्ट परफॉर्म करते हैं. रितिक रोशन और विद्या बालन के अलावा इस बार शत्रुघ्न सिन्हा ने भी कहा है कि वे पूजा में आएंगे.

नूतन पल्ली सार्वजनिक दुर्गा पूजा

47 साल पुराने इस पूजा से आरडी बर्मन, बप्पी लाहिरी ,बासु चटर्जी इस पूजा का हिस्सा हुआ करते थे. ये दुर्गापूजा शक्ति सामंता के दुर्गाउत्सव के नाम से भी एक वक्त में बहुत प्रसिद्ध था. 86 वर्षीय मनीष बनर्जी इस पूजा के महासचिव हैं. वे बताते हैं कि एक दिन मैं,पंचम, प्रमोद चक्रवर्ती, बासु चटर्जी, शक्ति सामंत, हम सब मिलकर अड्डा मार रहे थे. बैठे बैठे हमने सोचा कि हमदुर्गा पूजा मनाएंगे.1973 में इसकी शुरुआत हुई थी. उसके बाद से अब तक ये जारी है. पूजा के पांच दिनों में हर दिन पाँच से आठ हजार लोग देवी के दर्शन को आते हैं. इसी दुर्गा पूजा मंच से सलिल दा ने मुक्तो मंच की शुरुआत की थी. कोई भी परफॉर्म कर सकता है भले ही वो फेमस हो या ना हो. आज भी लोग इस मंच पर अपना टैलेंट दिखाते हैं. यहां का संधि पूजा बहुत खास होता है. सुष्मिता सेन हर साल उसमें शरीक होती हैं. सुनील दत्त जब तक जिंदा रहे वो भी हमेशा आते थे. नूतन पल्ली दुर्गाउत्सव का विसर्जन भी बहुत खास होता है. सात किलोमीटर तक स्त्री पुरुष लोग पैदल जाते हैं फिर गोधूलि लग्न में समुद्र में मां का विसर्जन होता है.

लोखंडवाला दुर्गा पूजा

इस साल यह दुर्गा पूजा अपने 24 साल पूरे करने वाला है. यह दुर्गापूजा सिंगर अभिजीत भट्टाचार्य के दुर्गापूजा के रूप में फेमस है लेकिन ऐसा कहने से अभिजीत को ऐतराज़ हैं. वे बताते हैं कि 24 साल पहले जो जो लोग इस पूजा से जुड़े थे वो आज भी इससे जुड़े हुए हैं. मुर्शिदाबाद से 40 ढाक बजाने वाले और 4 पंडित, कैटरिंग, मूर्ति बनाने वाले पिछले 24 साल से आ रहे हैं. इस बार भी वही से आएं हैं. मैं थीम बेस्ड पूजा मनाने में यकीन नहीं करता हूं. मुझे पारंपरिक बंगाली स्टाइल का दुर्गाउत्सव ही पसंद आता है. पूजा के पांच दिन यहां संगीत से जुड़े लोगों का जमावड़ा रहता है लेकिन किसी को वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलता है. मां की नज़र में सब बराबर हैं.इस बार हमारे पूजा पंडाल ने ये तय किया है कि महाराष्ट्र के अलावा जिन दूसरे राज्यों में बाढ़ आयी है उनको सहायता पहुचाएंगे.

रामकिशन मिशन दुर्गा पूजा

हर साल मुम्बई के खार स्थित रामकिशन मिशन पारंपरिक अंदाज़ में दुर्गापूजा मानता रहा है. कहा जाता है कि ये मुम्बई में होनेवाली एकमात्र ऐसी दुर्गापूजा है जहां कुमारी पूजा का चलन है. इस मठ के सन्यासियों द्वारा ये पूजा सभी रीति रिवाज के साथ संपन्न होती है. हर साल अमिताभ बच्चन और उनका परिवार यहां आता है. पौती आराध्या भी उनके साथ होती है. रामकिशन मठ के समय अनुसार दरवाजा खुलता और बंद होता है. उसी समय देवी के दर्शन हो सकते हैं.

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