”लाल कप्तान” को लेकर सैफ अली खान ने खोला राज, पढ़ें खास इंटरव्यू
सैफ अली खान इनदिनों अपनी आनेवाली फ़िल्म ‘लाल कप्तान’ को लेकर सुर्खियों में हैं. वे फ़िल्म में अपनी भूमिका को बहुत चुनौतीपूर्ण करार देते हैं. सैफ कहते एक आर्टिस्ट होने को एन्जॉय कर रहा हूं. जो भी मुझे उत्साहित करता है मैं उससे जुड़ता हूं. कोई मुझे बोले कि ये फ्रेंचाइजी फ़िल्म है और यह […]
सैफ अली खान इनदिनों अपनी आनेवाली फ़िल्म ‘लाल कप्तान’ को लेकर सुर्खियों में हैं. वे फ़िल्म में अपनी भूमिका को बहुत चुनौतीपूर्ण करार देते हैं. सैफ कहते एक आर्टिस्ट होने को एन्जॉय कर रहा हूं. जो भी मुझे उत्साहित करता है मैं उससे जुड़ता हूं. कोई मुझे बोले कि ये फ्रेंचाइजी फ़िल्म है और यह सफल होगी. आपको पैसे भी अच्छे मिलेंगे लेकिन मैं नहीं करूंगा मेरे लिए बॉक्स आफिस सबकुछ नहीं है. कलाकार के तौर पर संतुष्टि भी ज़रूरी है. फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है जिसे बेहद पसंद किया जा रहा है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
‘लाल कप्तान’ में क्या खास है ?
यह काफी अलग और रोचक फ़िल्म है. यह बदले की कहानी है. नवदीप और आनंद एल राय ने मुझे ये फ़िल्म आफर की. मुझे उसी वक़्त कहानी अपील कर गयी. यह एक पीरियड फ़िल्म है और जिस दौर पर कहानी सेट है वो मुझे पसंद है. जब मुग़ल शासन का पतन हुआ औऱ अंग्रेजों की दखल बढ़ी. मेरा किरदार बाउंटी हंटर का है जो इनाम के लिए भगौड़े और अपराधियों को पकड़ता है.
फ़िल्म में आपका लुक काफी अलग है उस भेष में आना कितना मुश्किल रहा ?
बहुत ही मुश्किल था क्योंकि बहुत सारा मेकअप था. बाल भी बहुत सारे और बहुत भारी था. कुछ किलो का था. इतना हैवी विग पहनकर गर्दन को हिलाना आसान नहीं था. फिर कपड़े तलवार वो सब के साथ घोड़े पर बैठना. वो भी चिलचिलाती धूप में बहुत मुश्किल था. हर दिन दो घंटे लुक को लेने में लगते थे फिर सुबह 5 बजे उठो मेकअप 2 घंटे करो फिर 2 घंटे वहां पहुचने में जाते थे. जहां शूटिंग होती थी. इतने भारी भरकम कपड़ों के साथ रेगिस्तान में शूटिंग करना बहुत थका देने वाला अनुभव था. 7 बजे से 12 बजे तक लगातार शूटिंग होती थी लगता था कि लंच के समय विग को हटा दूँ लेकिन फिर खुद को समझाया अगर मुझे पर्दे पर सहज दिखना है इस लुक में तो मुझे इसकी आदत डालनी होगी.
फ़िल्म के लिए घुड़सवारी और तलवारबाज़ी भी सीखी ? आप पहले से घुड़सवारी जानते थे ना.
हां, घुड़सवारी मैंने सीखी है लेकिन इस फ़िल्म में मुझे घोड़े को दौड़ाना नहीं बल्कि चलाना था. दो कदम पास आओ फिर दो कदम वापस जाओ. दाहिने एक कदम बाएं एक कदम. ये सब करना बहुत बारीकी का काम है वो सब करना आसान नहीं था. ऊपर से सेट ही था जहां वो सब करना था तो आपको घोड़े पर अच्छा कमांड होना ही चाहिए ताकि वो आपके आदेश पर तुरंत रुक जाए और चल भी पड़े. मुझे जानवरों से लगाव है तो इस फ़िल्म में जिस घोड़े का इस्तेमाल हुआ है. उससे भी हो गया था. मैं उसे अक्सर अपने हाथों से खिलाता था. कई तस्वीरें हैं. शेयर करूंगा.
तैमूर ने फ़िल्म के लुक में आपको देखा था ?
हां, फ़िल्म के पैचवर्क की शूटिंग मुम्बई में हुई थी तो वो भी सेट पर आया था. वो डरा नहीं बल्कि मुझे देखकर स्माइल कर रहा था. सारा को भी मेरा लुक पसंद आया उसने कहा कि मैं कूल दिख रहा हूं.
सारा अली खान की सफलता पर आपको क्या कहना है ?
सारा अली खान की अब तक की जर्नी को देखकर मुझे उसपर बहुत नाज़ हो रहा है. उसकी सबसे अच्छी बात है कि वो बहुत ही विनम्र हैं.
आप करीना के साथ उनके रेडियो शो में हाल ही में दिखे थे कैसा था अनुभव ?
बहुत मज़ा आया लेकिन मैं चाहता था कि बात थोड़ा और रिलैक्सिंग तरीके से होनी चाहिए. टीवी शोज की तरह हुआ. मुझे मौका मिला तो मैं खुद एक रेडियो शो करना चाहूंगा कुछ रोचक सा.
क्या क्रिकेट कमेंट्री भी करना चाहते हैं ?
बिल्कुल भी नहीं, वैसे बचपन में बहुत की है. हमारे घर में जब टीवी नहीं था. मेरे अब्बा बहुत सख्त थे।बहुत कम लोगों को ये बात मालूम होगी कि हमारे घर के धोबी के पास पहले टीवी आया उसके बाद हमारे घर में.
क्या कभी निर्देशन फिल्मों का करना चाहेंगे ?
बिल्कुल भी नहीं, निर्देशक को सबसे ज़्यादा काम करना पड़ता है. फ़िल्म के लिए सबसे ज़्यादा समय वही देता है. वो अपने परिवार और दोस्तों को भी समय नहीं दे पाता है जब किसी फिल्म का निर्देशन करता है और पैसे सबसे कम भी उसी को मिलते हैं. चार साल एक फ़िल्म को देने के बाद लोगों ने सेक्रेड गेम्स के दूसरे सीजन को इतना पसंद किया. हां सेक्रेड गेम्स का पहला सीजन लोगों को ज़्यादा पसंद आया. लोगों की उम्मीद पर ज़्यादा खरा नहीं उतर पाया।वैसे मुझे वेब का माध्यम अच्छा लगता है. काफी क्रिएटिव माहौल होता है. मैं अमेज़न को वेब शो तांडव में दिखूंगा. पॉलटिक्स पर आधारित है.
अक्सर वेब शो पर सेंसर की बात आती है ?
अमेज़न और नेटफ्लिक्स बहुत ही जिम्मेदार शो बनाते हैं. छोटे ओटीटी प्लेटफार्म हो सकता है कुछ भी दिखा रहे हो. सेंसरशिप ज़रूरी है क्योंकि बच्चे भी अब ओटीटी माध्यम से जुड़ रहे हैं.
आपकी आनेवाली फ़िल्में ?
जवानी जानेमन और तानाजी पर काम कर रहा हूं.