Film Review : फिल्‍म देखने से पहले जानें कैसी है ”हाउसफुल 4”

II उर्मिला कोरी II फ़िल्म : हाउसफुल 4 निर्माता : साजिद नाडियाडवाला निर्देशक : फरहद कलाकार : अक्षय कुमार, रितेश देशमुख,बॉबी देओल, कृति शेनॉन,कृति खरबंदा, पूजा हेगड़े, रंजीत रेटिंग : डेढ़ हाउसफुल फ्रेंचाइजी की यह चौथी कड़ी भी ‘घर दिमाग पर रखकर थिएटर में आइए’ इस बात को पुख्ता करती है. फ़िल्म में न कहानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2019 3:42 PM

II उर्मिला कोरी II

फ़िल्म : हाउसफुल 4

निर्माता : साजिद नाडियाडवाला

निर्देशक : फरहद

कलाकार : अक्षय कुमार, रितेश देशमुख,बॉबी देओल, कृति शेनॉन,कृति खरबंदा, पूजा हेगड़े, रंजीत

रेटिंग : डेढ़

हाउसफुल फ्रेंचाइजी की यह चौथी कड़ी भी ‘घर दिमाग पर रखकर थिएटर में आइए’ इस बात को पुख्ता करती है. फ़िल्म में न कहानी है न कॉमेडी. माइंडलेस कॉमेडी वाली इस माइंडलेस फ़िल्म की कहानी में हैरी (अक्षय), मैक्स (बॉबी), रॉय (रितेश) तीन भाई हैं. उन्हें अपनी जान बचाने के लिए डॉन को पैसे देने हैं ऐसे में वह अमीर बिज़नेसमैन (रंजीत) की तीन बेटियों (कृति,पूजा और कृति) को प्यार में फंसाते हैं. वही घिसा-पिटा फार्मूला. बात शादी तक पहुँच जाती है फिर कहानी 600 साल पीछे चली जाती है.

मालूम पड़ता है पिछले जन्म में इनका प्यार अधूरा रह गया था. क्या इस जन्म में वो पूरा होगा. कुछ अलग करने के नाम पर इस कहानी में कंफ्यूजन का तड़का लगा दिया है. इस जन्म की गर्लफ्रैंड पिछले जन्म वाली नही है. कप्पल्स का मिसमैच है और फिर ढेर सारे किरदार.
क्या होगा इनकी प्रेमकहानी यही आगे की कहानी है. पिछली सीरीज फिल्मों की तरह इस बार की भी कहानी बहुत कमजोर है. कंफ्यूजन कहानी का दर्शकों को एंटरटेन करने के बजाय और बोर करता है.

डायलॉग और रही सही कसर पूरी कर देते हैं. डायलॉग बहुत फीके टाइप हैं और कई जगह तो जबरदस्ती के हैं. आज मेरा फ़ास्ट है इसलिए स्लो मारा. इसने जेंडर का टेंडर नहीं भरा. मैं बादशाह तो ये हनी सिंह. अजीबोगरीब बेहूदा इसी तरह के पंच और सीन्स की भरमार है जिनपर हंसी नहीं उबासी आती है.

हाउसफुल सीरीज की फ़िल्म है तो माइंडलेस कॉमेडी होगी ही इसके लिए आप भले ही पहले से कितनी भी तैयारी करके जाए लेकिन फ़िल्म को देखते हुए आप टॉर्चर ज़रूर महसूस होगा. फ़िल्म में कृति का किरदार कई बार ये सवाल पूछता रहता है कि ये हो क्या रहा है. फ़िल्म को देखते हुए आपके जेहन में भी यही बात आती रहती है कि आखिर पर्दे पर हो क्या रहा है.

अभिनय की बात करें अक्षय कुमार अपने किरदार में बहुत लाउड नज़र आए हैं. रितेश हंसाने में कुछ जगह कामयाब ज़रूर हुए हैं लेकिन उनका अंदाज़ वही पुराना ही है. बॉबी देओल के किरदार की बात करें तो कुछ एक्शन सीन्स को छोड़ दे तो वह फ़िल्म में हैं यह बात फ़िल्म देखते हुए महसूस ही नहीं होती है. अभिनेत्रियों को ज़्यादा मौके नहीं मिले हैं. राणा डुग्गुबाती अच्छे रहे हैं. नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, मनोज पाहवा, जॉनी लीवर भी फ़िल्म में मेहमान भूमिका में हैं लेकिन कहानी में इनकी मौजूदगी गैर जरूरी सी लगती है.

फ़िल्म के गीत संगीत में बाला गीत को बहुप्रचारित किया गया था इसलिए वो याद रहता है वरना गीत संगीत भी निराशाजनक है. आखिर में अगर आप हाउसफुल सीरीज की फिल्मों के फैन हैं तो ही ये आपको झेली मतलब देखी जा सकेगी.

Next Article

Exit mobile version