नयी दिल्ली: जब एक जवान लड़का श्रीनगर से मुंबई आता है तो वह शहर के दादर क्षेत्र में कबूतरखाने में पक्षियों को देखकर चकित हो जाता है. इस प्रकार ‘परिंदा’ फिल्म की परिकल्पना आज से ठीक तीस साल पहले साकार हुई थी. फिल्म के निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने फिल्म को याद करते हुए कहा, “कबूतरों के उड़ने के उस दृश्य ने मुझे बांध लिया था. मुझे उस दृश्य ने इतना प्रभावित किया कि मैंने फिल्म की कहानी लिख दी.” गौरतलब है कि आज से ठीक तीस साल पहले परिंदा रिलीज हुई थी.
इस फिल्म में अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, नाना पाटेकर और जैकी श्रॉफ ने अभिनय किया था. परिंदा फिल्म की कहानी मुंबई के गैंगवार के इर्दगिर्द घूमती है साथ ही दो भाईयों के बीच रिश्ते को भी दर्शाती है.
विधु विनोद चोपड़ा ने कहा, “(इस फिल्म को बनाने में) बहुत सारी अड़चनें सामने आयी थी. हमें बारह लाख रुपए में फिल्म बनानी थी. परिंदा को बनाने की बहुत सी यादें हैं और उनमें से सबसे विशेष यह है कि हमने मात्र बारह लाख रुपए में पूरी फिल्म बन डाली.’
उन्होंने आगे कहा,’ स्थान से लेकर परिधान तक हमने पैसे बचाने के लिए सब कुछ वास्तविक रखने की कोशिश की और किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया. हमारी सबसे बड़ी कमजोरी सबसे बड़ी ताकत बन गयी क्योंकि हमने एक वास्तविक फिल्म बनाई थी.”
उन्होंने कहा, “मैं कश्मीर से आया था जहाँ मैं बर्फ से ढके पहाड़ों और झीलों के बीच पला बढ़ा था. (मुंबई आकर) मैंने अचानक ट्रैफिक और गुंडे देखे थे. मेरे लिए यह अचंभित करने वाला था. मैं उस बंबई को फिल्म में दिखाना चाहता था. परिंदा मेरे लिए एक कश्मीरी ग्रामीण का मुंबई जैसे शहर के प्रति नजरिया था.” विधु विनोद चोपड़ा ने कहा कि सिनेमा एक निरंतर चलने वाली यात्रा है.