मैं कट्टर मानवतावादी हूं : अपर्णा सेन

कोलकाता : सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर आवाज बुलंद करने के लिये मशहूर फिल्म निर्माता अपर्णा सेन ने कहा कि वह हमेशा से मुद्दों पर आधारित राजनीति में विश्वास रखती हैं और उन्हें स्वयं को कट्टर मानवतावादी कहना बेहद पसंद हैं. सेन ने कहा कि अगर उन्हें जरुरत महसूस होती है तो वह किसी पार्टी या संगठन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2019 12:05 PM

कोलकाता : सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर आवाज बुलंद करने के लिये मशहूर फिल्म निर्माता अपर्णा सेन ने कहा कि वह हमेशा से मुद्दों पर आधारित राजनीति में विश्वास रखती हैं और उन्हें स्वयं को कट्टर मानवतावादी कहना बेहद पसंद हैं. सेन ने कहा कि अगर उन्हें जरुरत महसूस होती है तो वह किसी पार्टी या संगठन के सही-गलत कदमों को लेकर बोलती हैं. उन्‍होंने कहा, "मैं मूल रूप से एक कट्टर मानवतावादी और धर्मनिरपेक्ष विचारों में विश्वास रखने वाली हूं. लेकिन मैंने कभी भी किसी विशेष दल या समूह का समर्थन नहीं किया क्योंकि मैं केवल मुद्दों पर आधारित राजनीति में विश्वास रखती हूं."

सेन ने कहा कि उन्होंने 1991 में बाजार आधारित अर्थव्यवस्था की शुरुआत या 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम को लेकर इंदिरा गांधी का समर्थन इसलिये किया, क्योंकि उस समय उसकी जरूरत थी.

फिल्म निर्माता ने कहा कि उन्होंने 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों के खिलाफ हिंसा और राजीव गांधी की टिप्पणी का भी विरोध किया था. सेन ने कहा, "मैं 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद भी सहम गई थी. मेरा मतलब है कि मुझे लगता कि जब भी जरूरत महसूस हो मुझे किसी पार्टी या संगठन के सही या गलत कदमों के बारे में बोलना चाहिये."

गौरतलब है कि सेन उन हस्तियों में शामिल हैं जिन्होंने नंदीग्राम और सिंगूर आंदोलन के दौरान वाम सरकार के खिलाफ अभियान चलाया था, जिसके चलते 2011 में राज्य में तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई थी. साथ ही सेन उन हस्तियों में भी शामिल रहीं जिन्होंने जुलाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे खुले पत्र पर हस्ताक्षर किया था, जिसमें मुसलमानों, दलितों अन्य अल्पसंख्यकों की भीड़ द्वारा हत्या को रोकने की मांग करने के साथ ही इस बात पर भी जोर दिया गया था कि असहमति के बिना लोकतंत्र साकार नहीं हो सकता.

सेन ने कहा कि एक नया वाक्यांश ‘छद्म धर्मनिरपेक्ष’ है जिसे किसी भी मुद्दे पर अल्पसंख्यक समुदाय का समर्थन करने वालों के साथ जोड़ दिया जाता है. उन्होंने कहा, "लेकिन मैंने दलितों और बांग्लादेश के आसपास रहने वाले हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों को लेकर समान रूप से अपनी बात रखी."

‘मिस्टर एंड मिसेज अय्यर’ फिल्म की निर्देशक सेन ने कहा कि जब मैं किसी एक मुद्दे पर विरोध प्रकट करती हूं तो कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि वह फलां मुद्दे पर चुप क्यों थीं. उन्होंने कहा, "अगर मैं हर मुद्दे पर आ‍वाज उठाउंगी तो पेशवेर प्रदर्शनकारी बन जाऊंगी, जोकि मैं नहीं हूं। मेरे पास और भी काम हैं."

Next Article

Exit mobile version