ये है गुल पनाग का फिटनेस मंत्र
पूर्व मिस इंडिया गुल पनाग को फिटनेस डिवा के रूप में भी जाना जाता है. वह कई फिटनेस ब्रांड का चेहरा रही हैं. 2004 से वह मैराथन दौड़ में हिस्सा लेती रही हैं और देश के विभिन्न शहरों में कई प्रमुख दौड़ में अहम रूप से भागीदारी करती रही हैं. हेल्थ एंड फिटनेस को टेक्नोलॉजी […]
पूर्व मिस इंडिया गुल पनाग को फिटनेस डिवा के रूप में भी जाना जाता है. वह कई फिटनेस ब्रांड का चेहरा रही हैं. 2004 से वह मैराथन दौड़ में हिस्सा लेती रही हैं और देश के विभिन्न शहरों में कई प्रमुख दौड़ में अहम रूप से भागीदारी करती रही हैं. हेल्थ एंड फिटनेस को टेक्नोलॉजी से जोड़ने की चाहत में गुल ने इस क्षेत्र में खुद की कंपनी भी शुरू की और ‘फर्स्ट रन’ नाम से फिटनेस एप्प लॉन्च किया. गुल कहती हैं कि एक स्वस्थ शरीर न सिर्फ आपको एम्पावर करता है, बल्कि आपको अपना बेस्ट देने में मदद करता है. एक नजर उनके फिटनेस और डाइट पर.
फिटनेस हर एक के लिए जरूरी है और हम सभी को फिट रहने की कोशिश करते रहनी चाहिए. अहम बात यह है कि आप एक्सरसाइज कर रहे हैं, इसका यह मतलब नहीं कि आप सबकुछ खा सकते हैं.
एक्सरसाइज से आप कुछ कैलोरी बर्न करते हैं और अनहेल्दी चीजें खाने से आप उससे ज़्यादा कैलोरी गेन कर लेते हो. ज्यादातर लोग ऐसा ही करते हैं, फिर कहते हैं कि मेरा वजन इतने एक्सरसाइज़ के बाद भी कम नहीं हो रहा. हमें यह बात समझने की ज़रूरत है कि हमारी बॉडी एक मशीन की तरह है. मशीन को कितनी ऊर्जा की ज़रूरत है, यह जानना होगा.
क्या कार की टंकी फुल होने पर भी हम उसमें और पेट्रोल डाल सकते हैं? उसी तरह अपने पेट और पाचन को भी समझने की ज़रूरत है. कुछ चीज़ें हमें पसंद हैं, इसका कतई मतलब नहीं कि हम बस उसे खाते रहे. मेरे वर्कआउट रूटीन की बात करूं, तो हफ्ते में चार से पांच दिन मैं आधा घंटा एक्सरसाइज करती हूं.
जिम से ज़्यादा मैं योग और रनिंग करती हूं. जिम में वेट ट्रेनिंग पर मेरा फोकस होता है. रनिंग सबसे बेस्ट एक्सरसाइज है. इसके लिए मैं खुद कई प्रोग्राम्स चलाती हूं, ताकि लोगों को अवेयर कर सकूं. यह आपका स्ट्रेंथ बढ़ाने के साथ साथ आपके बॉडी को फ्लेक्सिबल भी बनाता है.
40 की उम्र के बाद मेटाबॉलिज्म बहुत स्लो हो जाता है. लेकिन रनिंग और दूसरे एक्सरसाइज के ज़रिये हम उसे बरकरार रख सकते हैं. योग में सूर्य नमस्कार ज़रूर करती हूं. एक्सरसाइज करने के बाद मैं 10 मिनट मेडिटेशन भी करती हूं. मैं हमेशा से स्पोर्ट्स पर्सन रही हूं, तो टेनिस खेलना और स्विमिंग करना मुझे बहुत पसंद है, जिनका मेरी फिटनेस में अहम योगदान है.
फ्रूट खाने से मिलती है एनर्जी
मैं खाने के लिए नहीं जीती. जितनी बॉडी को ज़रूरत है, उससे अधिक मैं नहीं खा सकती. हमारे आस-पास कई लोग भूख से ज्यादा खाना खाते हैं, जो गलत है. खाना हमें पता है कि तली-भुनी चीज़ें हमारे लिए अच्छी नहीं, फिर भी हम खाते हैं. जिस दिन आपने कुछ भी खाने से पहले खुद से यह सवाल करना शुरू कर दिया कि क्या यह खाना मेरी सेहत के लिए अच्छा है, इससे आधी परेशानियां दूर हो जायेंगी. मैं ज़्यादा तली-भुनी और पैकेज्ड फूड से दूर ही रहती हूं. जो भी खाती हूं, वह पौष्टिक हो, यह सुनिश्चित करती हूं. मैं अपनी रनिंग से पहले और बाद में फ्रूट ज़रूर खाती हूं. यह मेरी एनर्जी को मेंटेन रखता है. प्रोटीन और कार्ब्स दोनों ही डाइट में शामिल होते हैं.
फिटनेस रोल मॉडल : मेरे पापा लेफ्टिनेंट जनरल एच एस पनाग जिंदगी में कई फ्रंट पर मेरे रोल मॉडल रहे हैं. 70 की उम्र में वह 30 से 40 किलोमीटर हर दिन साइकिलिंग करते हैं. पापा ने ही 15 साल की उम्र में मुझे रनिंग से जोड़ा था. आज यह मेरी डेली रूटीन में है. अब मैं अपने बेटे को इससे जोड़ रही हूं.
फिटनेस एप्प के बाद बुक : मैं हमेशा लोगों को फिटनेस के लिए प्रेरित करती हूं. फिटनेस एप्प ‘फर्स्ट रन’ लॉन्च करने के बाद अब न्यूट्रिशन पर किताब लिख रही हूं. लोग अगर फिट रहना चाहते हैं, तो उन्हें अपना फ़ूड हैबिट बदलने की जरूरत है. यह किताब फिटनेस लवर्स के लिए बेहद उपयोगी होगी.
बातचीत : उर्मिला कोरी, मुंबई