आराधना ने बदल दी किशोर दा की किस्मत

मुंबई: आज भले ही किशोर कुमार के गाने के लोग दिवाने हैं लेकिन एक वक्त ऐसा था जब उनको बॉलीवुड में ठहरे रहने के लिए मेहनत करनी पड़ी. एक जमाना था जब केवल देवानंद की फिल्‍मों में उनको गाने का मौका मिलता था लेकिन फिल्‍म ‘आराधना’ उनके जीवन के लिए मील का पत्थर साबित हुई. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2014 12:30 PM

मुंबई: आज भले ही किशोर कुमार के गाने के लोग दिवाने हैं लेकिन एक वक्त ऐसा था जब उनको बॉलीवुड में ठहरे रहने के लिए मेहनत करनी पड़ी. एक जमाना था जब केवल देवानंद की फिल्‍मों में उनको गाने का मौका मिलता था लेकिन फिल्‍म ‘आराधना’ उनके जीवन के लिए मील का पत्थर साबित हुई.

आराधना का गाना मेरे सपनों की रानी… से वे काफी लोकप्रिय हुए. इस गाने के बाद उन्हें किसी का मोहताज नहीं रहना पड़ा और वे आगे बढ़ते चले गये. मैं हूं रूम झुम रूम झुम झुमरू… भंग का रंग जमा हो चकाचक फिर लो पान चबाए जैसे गीतों को गाने वाले किशोर दा का आज (4 अगस्त) को 86वां जन्मदिवस है.

बताया जाता है कि किशोर कुमार के दादा ने उनको गाना गाने के लिए प्रेरित किया. किशोर अक्सर कहते थे जब मैं छोटा था तालाब किनारे गाता था तब मेरे दादाजी कहते थे, तेरे गाने से हिरण तेरे पास आ जाते हैं. एक दिन तू बड़ा सिंगर बनेगा. उनके दादाजी की बात सही निकली और किशोर दुनिया के महान सिंगर बने.किशोर कुमार ने फिल्‍म शिकारी (1946) से अभिनेता के रूप में शुरुआत की. इस फिल्‍म में उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने प्रमुख भूमिका निभाई थी. 1948 में बनी फिल्‍म ‘जिद्दी’ में किशोर दा ने देव आनंद के लिए पहला गाना गाया.

उन्हें गाने के क्षेत्र में सफलता मेरे सपनों की रानी से मिली. इसके बाद उन्होंने पीछे मुडुकर नहीं देखा और एक से एक हिट गाने दिये. जिंदगी कैसी है पहेली हाय (आनंद)… मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू (आराधना)… मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने (आनंद)…कहीं दूर जब दिन ढल जाए (आनंद)…जिंदगी प्यार का गीत है (सौतन)….अच्छा तो हम चलते हैं (आन मिलो सजना)…अगर तुम न होते (अगर तुम न होते)..चला जाता हूं (मेरे जीवन साथी)…चिंगारी कोई भड़के (अमर प्रेम)… दीवाना लेक आया है (मेरे जीवन साथी).. दिल सच्चा और चेहरा झूठा (सच्चा झूठा)आदमी जो कहता है…’, ‘आ चल के तुझे…’, ‘आने वाला पल…’, ‘बचना ए हसीनो…’ आदि सैंकड़ों गीत आज भी बड़े चाव से सुने जाते हैं.

किशोर कुमार ने कुछ फिल्‍मों का निर्देशन भी किया, जिनमें ‘चलती का नाम जिंदगी’, ‘बढ़ती का नाम दाढ़ी’, ‘दूर का राही’, ‘दूर गगन की छांव में’ प्रमुख हैं. 13 अक्‍टूबर, 1987 को उन्‍होंने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. किशोर कुमार और सबके दिलों को छू जाने वाले उनके गीतों को भुलाया जाना मुमकिन नहीं है. वे सदा गीत प्रेमियों के दिलों पर राज करते रहेंगे. आज भी कई गायक उनकी नकल करते हैं लेकिन उनकी आवाज का तोड़ आज भी बॉलीवुड में नहीं है.

Next Article

Exit mobile version