विषय केंद्रित फिल्में भी तय फॉर्मूले के तहत बनती है: नवाजुद्दीन सिद्दीकी

मुंबई: हिंदी सिनेमा में इन दिनों भले ही विषय केंद्रित फिल्मों का बोलबाला हो लेकिन अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का मानना है कि ये फिल्में भी तय फॉर्मूले पर बनती हैं, जैसा कि बॉलीवुड की मुख्य धारा की फिल्मों के साथ है. उन्होंने सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों को ‘प्रोपगैंडा यानी प्रचार’ बताया. उन्होंने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2019 7:28 AM

मुंबई: हिंदी सिनेमा में इन दिनों भले ही विषय केंद्रित फिल्मों का बोलबाला हो लेकिन अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का मानना है कि ये फिल्में भी तय फॉर्मूले पर बनती हैं, जैसा कि बॉलीवुड की मुख्य धारा की फिल्मों के साथ है. उन्होंने सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों को ‘प्रोपगैंडा यानी प्रचार’ बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह की फिल्में मुख्य रूप से एक विषय के आस-पास घूमती हैं लेकिन वह मुख्यधारा वाली फिल्मों के ट्रेंड्स के अनुसार बनाई जाती हैं.

सिद्दीकी ने एक साक्षात्कार में बताया, ‘ ये प्रोपगैंडा फिल्म हैं, जिसमें आप एक मुद्दे को राष्ट्रीय संकट की तरह उठाते हैं. यह सिनेमा नहीं है. मैं नहीं मानता कि यह सिनेमा है. मैं इसमें विश्वास रखता हूं या नहीं, यह अलग चीज है.’

अभिनेता ने कहा, ‘लोग इसे विषय वस्तु वाली फिल्म बताते हैं लेकिन इसे बनाने का तरीका बॉलीवुड की सफल कारोबारी फिल्मों की तरह है, जिसमें पांच गाने होते हैं, नृत्य होता है और आइटम नंबर होता है. इसलिए, हम कैसे उसे अच्छी विषय वस्तु वाली फिल्म बता सकते हैं.’

हालांकि, अभिनेता इस तरह की फिल्मों में काम करने के विरुद्ध नहीं हैं. उनका कहना है कि अभी ऐसी ही फिल्में चल रही हैं. उन्होंने कहा, ‘ जैसा कि आप एक मुद्दा उठाते हैं, इसमें पांच गाने जोड़ते हैं और इसे विषय वस्तु वाली फिल्म बताते हैं. यहां तक कि मैंने भी ऐसा करना शुरू कर दिया है.”

अभिनेता की फिल्म ‘मोतीचूर चकनाचूर’ हाल ही में रिलीज हुई है. यह एक रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म है.

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