मुंबई : बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान का मानना है कि मीटू आंदोलन भले ही पश्चिमी देशों से शुरू हुआ हो लेकिन इसने भारत समेत पूरी दुनिया की महिलाओं को अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाने का अवसर दिया है.
शाहरुख (54) ने कहा कि इस आंदोलन ने कार्यस्थलों पर महिलाओं के साथ बुरे बर्ताव पर प्रकाश डाला है. शाहरुख ने बीबीसी के पत्रकार तथा टॉकिंग मूवीज के होस्ट टॉम ब्रुक को दिये साक्षात्कार में कहा, यह पश्चिमी देशों से शुरू हुआ और इसने महिलाओं को उस बारे में बोलने का मौका दिया जो हो सकता है कि कुछ साल पहले उनके साथ हुआ हो…इसने उन्हें उनकी आपबीती सुनाने में काफी समर्थन दिया.
उन्होंने कहा, इस आंदोलन की महानता यह है कि भविष्य में हमें यह स्वीकार करना होगा कि अधिकाशं क्षेत्रों में लोग महिलाओं के साथ बुरा बर्ताव करते हैं, और ऐसा हर जगह होता है. अभिनेता ने उम्मीद जताई कि इससे बदलाव आएगा. उन्होंने कहा, सिनेमा और मीडिया जगत की बात करें तो यह हमें थोड़ा और जागरुक बनाएगा. मुझे लगता है कि अहम बात यह है कि लोग जान गए हैं कि अगर कोई अनुचित तरीके से व्यवहार करता है तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जाएगा.