मुंबई : खबरों के विपरीत बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा के प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि अभिनेत्री को ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के चेहरे के तौर पर हटाया नही गया है बल्कि अभियान के साथ उनका जुड़ाव दो वर्ष पहले ही समाप्त हो गया था. हरियाणा के अंबाला की रहने वाली अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा को 2015 में मनोहर लाल खट्टर सरकार के अभियान का ब्रांड एंबेसडर नामित किया गया था.
अभिनेत्री के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘परिणीति चोपड़ा का हरियाणा में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के साथ जुड़ाव अप्रैल 2017 में समाप्त हो गया था. इन अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है और हम आपसे इस बारे में रिपोर्टिंग से परहेज करने का अनुरोध करते हैं.’
ऐसी खबरें थी कि परिणीति चोपड़ा को तब अभियान से हटा दिया गया जब उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की आलोचना की थी. अभिनेत्री ने छात्रों पर पुलिस कार्रवाई को ‘‘बर्बर’ करार दिया था.
उन्होंने 17 दिसम्बर को ट्वीट किया था, ‘‘यदि ऐसा ही होगा जब भी कोई नागरिक अपने विचार व्यक्त करेगा, तो सीएबी भूल जाइये, हमें एक विधेयक पारित करना चाहिए और अपने देश को अब एक लोकतंत्रिक देश नहीं कहना चाहिए। अपने मन की बात कहने के लिए निर्दोष व्यक्तियों की पिटाई? बर्बर.’ बॉलीवुड की कई हस्तियों ने कानून को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी निराशा जतायी है.