Movie Review: फिल्म देखने से पहले जानें कैसी है Tanhaji The Unsung Warrior

फिल्म : तानाजी – द अनसंग वॉरियर निर्देशक : ओम राउत निर्माता : अजय देवगन कलाकार : अजय देवगन, सैफ अली खान, काजोल रेटिंग : तीन उर्मिला कोरी ऐतिहासिक फिल्मों की कड़ी में ‘तानाजी – द अनसंग वॉरियर’ मराठा योद्धा तानाजी की कहानी है. पुरन्दर संधि के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज को संधि में 23 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2020 10:14 PM
  • फिल्म : तानाजी – द अनसंग वॉरियर
  • निर्देशक : ओम राउत
  • निर्माता : अजय देवगन
  • कलाकार : अजय देवगन, सैफ अली खान, काजोल
  • रेटिंग : तीन

उर्मिला कोरी

ऐतिहासिक फिल्मों की कड़ी में ‘तानाजी – द अनसंग वॉरियर’ मराठा योद्धा तानाजी की कहानी है. पुरन्दर संधि के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज को संधि में 23 किले औरंगजेब को देने पड़ते हैं. उसी में से एक कोंडाणा का भी एक किला है. कोंडाणा का महत्व उतना ही दक्षिण में है जितना दिल्ली का उत्तर में. कोंडाणा मराठा आन का प्रतीक भी है. यही वजह है कि शिवाजी की मां जीजाबाई मराठा साम्राज्य कोंडाणा को एक बार फिर पा लेने तक नंगे पैर रहने की कसम खाती हैं.

कोंडाणा पर मुगलिया हुकूमत को मजबूत करने के लिए औरंगजेब (लूएक केनी) अपने खूंखार और जांबाज सिपाही उदयभान (सैफ) को भेजता है साथ ही एक ऐसा तोप, जो बड़े से बड़े किले को विध्वंस कर दे. क्या उदयभान औरंगजेब के मंसूबों को पूरा कर पायेगा या शिवाजी का दाहिना हाथ कहे जाने वाले तानाजी अपनी वीरता से एक अलग ही कहानी लिखेगा? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

फिल्म की कहानी में इमोशन और ड्रामा को बखूबी जोड़ा गया है, जिससे यह मालूम होते हुए भी कि तानाजी की ही जीत होगी लेकिन जीत होगी कैसे, यह सवाल जेहन में रहता है.

फिल्म का ट्रीटमेंट इसका रोचक पहलू है. हां इतिहास के जानकारों को यह फिल्म निराश कर सकती है. फिल्म में बहुत सारी सिनेमेटिक लिबर्टी ली गयी है.

बात करें अभिनय की,तो अजय देवगन अपने किरदार में चित-परिचित अंदाज में नजर आये हैं. ऐसा किरदार अजय के लिए नया नहीं है, भले ही यह फिल्म पीरियड ड्रामा वाली है. नायक का चरित्र सही मायनों में तब तक उभरकर सामने आता है, जब तक बेजोड़ खलनायक ना हो और इस बात को अभिनेता सैफ अली खान बखूबी साबित करते हैं.

सैफ जितनी बार भी स्क्रीन पर दिखते हैं, छा जाते हैं. सैफ ने किरदार की धूर्तता हो या क्रूरता, सभी को बखूबी दर्शाया है. काजोल को ज्यादा स्क्रीन स्पेस नहीं मिला है लेकिन वे छोटी भूमिका में भी प्रभावी रही हैं. शरद केलकर भी शिवाजी की भूमिका जंचते हैं. नेहा शर्मा के लिए परदे पर कुछ करने को खास नहीं था. लूएक केनी ने औरंगजेब के किरदार को अच्छे ढंग से निभाया है, खासकर उनकी संवाद अदायगी. बाकी के किरदार अपनी अपनी भूमिका में जमे हैं.

फिल्म की कास्टिंग अच्छी की गयी है. फिल्म का एक्शन रोचक है. कुछ जगहों को छोड़ दें, तो हीरोगिरी के बजाय लॉजिक वाला एक्शन फिल्म में दिखाया गया है. रस्सी के जरिये एक्शन्स रोचक बन पड़े हैं. फिल्म का थ्री डी होना उसे और प्रभावी बना जाता है, साथ ही फिल्म की भव्यता को भी बढ़ाता है. फिल्म का गीत-संगीत कहानी के अनुरूप है. कुल-मिलाकर कलाकारों के उम्दा परफॉर्मेंस और ऑन स्क्रीन भव्यता लिए यह एक मनोरंजक फिल्म है.

Next Article

Exit mobile version