मुंबई : जानीमानी अदाकारा जीनत अमान का कहना है कि हिंदी सिनेमा में महिलाओं के लिए ‘‘उम्र के मुताबिक उचित’ किरदार कम लिखे जा रहे हैं और यही मुख्य कारण है कि वह कम काम कर रही हैं. जीनत करीब 15 साल बाद थिएटर की ओर लौट रहीं हैं. वह ‘डियरेस्ट बापू, लव कस्तूरबा’ नामक नाटक में कस्तूरबा की भूमिका निभाती दिखेंगी.
‘द ग्रेट इंडियन थिएटर फेस्टिवल’ में 21 फरवरी को इसका प्रीमियर होगा. आरिफ जकारिया भी इसमें नजर आएंगे. सैफ हैदर हसन ने इसका निर्देशन किया है. जीनत ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मेरी जिंदगी में बहुत कुछ चल रहा था, इसलिए पेशेवर जिंदगी को दरकिनार करना पड़ा.’
उन्होंने आगे कहा,’ मुझे लगता है कि हिंदी सिनेमा में उम्र के मुताबिक किरदार कम ही हैं. यह भी एक प्रमुख कारण था (सिनेमा से दूर होने का). अभी, मैं यह नाटक कर रही हूं, मैंने आगे के लिए कोई प्रतिबद्धता नहीं की है, मैं वर्तमान में जीने में विश्वास करती हूं, कल क्या होगा हम कल देखेंगे.’
उनका मानना है कि व्यावसायिक पहलू के कारण फिल्मकार अधिक महिला केन्द्रित फिल्में बनाने से कतराते हैं. जीनत 70 और 80 के दशक में निभाए अपने किरदारों से खुश हैं. उन्होंने कहा, ‘ जब भी मुझे किसी किरदार का प्रस्ताव मिला, मुझे पसंद आया तो मैंने किया, जैसे कि जब मुझे फिल्म ‘हरे राम हरे कृष्णा’ में जैनिस का किरदार मिला था. मैंने उसे किया और लोगों को लगा कि वह वास्तविकता के करीब था और लोग उसे पर्दे पर और देखना चाहते थे. इसके बाद फिल्मकारों ने मेरे लिए फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘हीरा पन्ना’ आदि में किरदार लिखें.’
अदाकारा आखिरी बार 2019 में आई फिल्म ‘पानीपत’ में एक अतिथि भूमिका में नजर आईं थीं.