Loading election data...

खास बातचीत: आज भी अकेले हॉरर फिल्म नहीं देखते विक्की कौशल

उर्मिला कोरीराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता विक्की कौशल जल्द ही फिल्म ‘भूत : पार्ट वन हॉन्टेड शिप’ में नजर आनेवाले हैं. यह विक्की की पहली हॉरर फिल्म है. निजी जिंदगी में हॉरर फिल्मों को देख कर डरने वाले विक्की को उम्मीद है कि उनकी यह फिल्म दर्शकों का मनोरंजन करेगी़ पेश है उनसे हुई विशेष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2020 8:35 AM

उर्मिला कोरी
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता विक्की कौशल जल्द ही फिल्म ‘भूत : पार्ट वन हॉन्टेड शिप’ में नजर आनेवाले हैं. यह विक्की की पहली हॉरर फिल्म है. निजी जिंदगी में हॉरर फिल्मों को देख कर डरने वाले विक्की को उम्मीद है कि उनकी यह फिल्म दर्शकों का मनोरंजन करेगी़ पेश है उनसे हुई विशेष बातचीत…

-इस फिल्म से किस तरह से जुड़ना हुआ?

जब मुझे धर्मा प्रोडक्शन ऑफिस से इस फिल्म के लिए कॉल आया, तो मालूम नहीं था कि यह एक हॉरर फिल्म होगी. जब मैं वहां पहुंचा, तो पता चला. मुझे लगा कि धर्मा हॉरर फिल्म बना रहे हैं, तो उसमें एक रोमांटिक एंगल भी होगा. गाने भी होंगे. मेरी आदत है कि मैं एक ही बार में स्क्रिप्ट पढ़ लेता हूं. फिर दुबारा रात में भी पढ़ता हूं. आमतौर पर मैं अपने बेड के पास पानी रखता हूं, ताकि रात को मुझे प्यास लगे, तो मैं पी सकूं लेकिन मैंने उस दिन नहीं रखा. मुझे लगा कि अगर स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद भी अगर मैं किचन में पानी लाने चला गया, तो स्क्रिप्ट अपीलिंग नहीं है. मैं नहीं जा पाया. मुझे लगा कि स्क्रिप्ट इतना डरा रही है, तो पर्दे पर फिल्म कितना डरायेगी.

-क्या आप हॉरर फिल्में देखते हैं?

मैं हॉरर फिल्में देखता तो हूं, लेकिन कभी भी अकेले नहीं देखता. हॉरर फिल्म देखते हुए आपको सपोर्ट सिस्टम की जरूरत पड़ती ही है. मैं अपने दोस्तों के साथ बैठ कर हॉरर फिल्में देखता हूं. हाल के समय में मैंने ‘एनाबेल’ फिल्म देखी है. एक बार मैं अपने दोस्तों के साथ घर पर ‘कॉनजरिंग’ देख रहा था. मालूम पड़ा दोस्त सो गये, जिसके बाद मैंने फिल्म बदल दी और ‘अंदाज अपना-अपना’ देखने लगा.

-क्या आप भूतों में यकीन करते हैं?

जब मैं पंजाब में अपने घर होशियारपुर जाता था, तो वहां बहुत डरता था, क्योंकि वहां बहुत सारी खुली जगहें थीं. टॉयलेट भी घर से दूर होता था. मैंने कभी भूतों का अनुभव नहीं किया है, लेकिन एक चीज होती है स्लीपिंग पैरालिसिस, जिसमें आपका शरीर तो जग जाता है, लेकिन दिमाग सोया रहता है. आपको लगता है कि आप किसी के साथ हो. ऐसा 10 से 15 मिनट तक होता है. ऐसा आपको तब लगता है जब आप बहुत ज्यादा थके होते हैं. इस फिल्म के सेट पर अक्सर हम भूत होने का मज़ाक करते रहते थे. एक दिन सेट पर एक सीढ़ी अचानक से गिर गयी और दो इंच की दूरी से बच गया. एक दिन दरवाजा मुझ पर गिर गया था, तो 13 टांके लगे थे. शूटिंग के दौरान ऐसी कई घटनाएं हुईं.

-आपने पहली बार कोई हॉरर फिल्म की है. कैसा रहा अनुभव?

मुझे लगता है कि आर्टिस्ट और दर्शक दोनों के लिए यह बहुत ही अच्छा समय है. दर्शक अब कुछ अलग देखना चाहते हैं, जो उन्हें सरप्राइज कर दे. धर्मा प्रोडक्शन पहली बार हॉरर बना रहा है. किसी ने सोचा नहीं था. हम काफी समय से हॉरर फिल्म नहीं बना रहे हैं, क्योंकि दर्शक वर्ग नहीं था, जबकि हॉलीवुड हॉरर फिल्मों का एक बड़ा दर्शक वर्ग है.

-इस फिल्म में एक्टिंग का अनुभव कैसा लगा?

अलग था और मैंने इसे बहुत एंजॉय किया. जब भी सेट पर कुछ क्रियेट होता है, मैं उसे काफी एन्जॉय करता हूं. जब ड्रामा और कॉमेडी होती है, तो आप अपने को एक्टर के साथ मिल कर क्रियेट, एक्सप्लोर और इंप्रोवाइज करते हैं. यह हॉरर फिल्म थी. भूत मेरा को-एक्टर है, जो वास्तव में है ही नहीं. मुझे अपने मन से सीन में रिएक्शन करना है कि वो ऐसा करेगा, वैसा नहीं. आपको पता नहीं कि स्क्रीन पर वहां आवाज होगी या शांत रहेगा. मैं आमतौर पर शूटिंग करते हुए मॉनिटर नहीं देखता हूं, लेकिन इस फिल्म के लिए मैंने देखा था. यहां एक्टिंग का ग्रामर थोड़ा अलग था.

-स्टारडम आपके लिए क्या है?

यह आपको दर्शक देता है और यह सब आपसे छीन भी सकता है. यह अस्थायी है. एक दिन खत्म होगा ही. यह बात आपको अपने दिमाग में हमेशा रखनी चाहिए. फिल्म एक्शन और कट के बीच में बनती है. उसके बाद आप नॉर्मल इंसान है. यह बात समझने की जरूरत है. एक्टर्स को अकेला होना ही पड़ता है. हां, सफलता एक आशीर्वाद है. खास कर जब आपके माता-पिता के आंखों में वो नजर आती है. मेरे पिता का कहना है कि उनके पिता ने उनकी सफलता नहीं देखी, जिसका उन्हें दुख है. कम-से-कम मैं लकी हूं कि मेरे माता-पिता मेरी सफलता देख रहे हैं.

-पिछले दो सालों में आपने जबरदस्त सफलता हासिल की है. खुद को कैसे ग्राउंडेड रख पाते हैं?

हर सुबह जब मेरी मां मुझे जगाती है, तो मैं हकीकत का सामना करता हूं. आपके आसपास कौन है, यह बहुत ज़रूरी है क्योंकि वही लोग आपको ग्राउंडेड रखते हैं. मैं लकी हूं कि मैं अपने माता- पिता के साथ रहता हूं. मेरे स्कूल-कॉलेज के दोस्त हैं. वो मुझसे मेरी फिल्में डिस्कस नहीं करते हैं. हां, अपनी हर फिल्म की रिलीज पर मैं 15 सीट्स उनके लिए रिजर्व जरूर रखता हूं. उनकी राय मेरे लिए बहुत मायने रखती है. मेरे माता-पिता और मेरे दोस्त मेरे रियलिटी चेक हैं.

-आपकी प्रसंशकों में लड़कियों की लंबी तादाद है. कैसा लगता है?

ब्लश करता हूं, जब लड़कियां ऐसा कहती हैं. मुझे नहीं पता कि लड़कियों को मुझमें क्या अच्छा लगता है, लेकिन वे कहती रहती हैं कि मेरी फिल्मों के किरदार उन्हें बहुत पसंद आते हैं.

-आप रिश्ते में हैं या सिंगल?

प्यार बहुत ही खूबसूरत एहसास है. आप महसूस करते हैं कि आप जिंदगी के सबसे बेस्ट फेज में है़ मैं किसी बात के लिए सफाई नहीं देना चाहता़ मैं अपनी निजी जीवन को सुरक्षित रखना चाहता हूं. अब तक मैंने इस पर बहुत बातें कर ली है. झूठ नहीं बोलना चाहता हूं, क्योंकि एक झूठ को छिपाने के लिए आगे सौ झूठ और बोलने पड़ते हैं. मुझे लगता है कि फिलहाल अपनी निजी जिंदगी के बारे में बात न करना ही सही होगा.

-आपके बारे में माता-पिता का क्या राय है?

वे चीजों को समझते हैं. मेरी मां जरूर शादी के लिए अक्सर मुझसे कहती रहती है, लेकिन शादी लव मैरिज हो या अरेंज मैरिज, आपको सामनेवाले इंसान को समझने की जरूरत पड़ती है.

-आपकी आनेवाली फिल्में?

‘तख्त’, ‘उधम सिंह’ और सैम मानेकशॉ की बायोपिक भी है.

‘भूत पार्ट वन- द हॉन्टेड शिप’ : विक्की कौशल और भूमि पेडनेकर की फिल्म ‘भूत पार्ट वन- द हॉन्टेड शिप’ का ट्रेलर रिलीज हो गयी है. ‘भूत’ के ट्रेलर में दिखाया गया है कि विक्की कौशल, जिनका फिल्म में पृथ्वी नाम है, वह सी बर्ड (हॉन्टेड शिप) पर एक सर्वेक्षण अधिकारी के रूप में वहां गये हैं. विक्की उस जहाज में भूतों की चुंगल में फंस जाते हैं. ट्रेलर को सोशल मीडिया पर दर्शकों के मिक्स रिस्पॉन्स मिल रहे हैं. बता दें कि विक्की और भूमि दोनों की यह पहली हॉरर फिल्म है.

Next Article

Exit mobile version