20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

और ”ऐ मेरे वतन के लोगों” सुनकर रो पड़े थे पंडित नेहरु

मुंबई: लता मंगेशकर के द्वारा गाया गया गाना ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ आज भी जब लोग सुनते हैं तो आंखों में आसू आ जाते हैं. लेकिन शायद कुछ ऐसे भी लोग हैं जो नहीं जानते कि इस गाने का जन्म कैसे हुआ. जानकारों की माने तो 1962 के भारत-चीन युद्ध में भारत की बुरी […]

मुंबई: लता मंगेशकर के द्वारा गाया गया गाना ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ आज भी जब लोग सुनते हैं तो आंखों में आसू आ जाते हैं. लेकिन शायद कुछ ऐसे भी लोग हैं जो नहीं जानते कि इस गाने का जन्म कैसे हुआ. जानकारों की माने तो 1962 के भारत-चीन युद्ध में भारत की बुरी हार के बाद पूरा देश शोक में डूबा हुआ था. पूरे देश का मनोबल गिरा हुआ था. ऐसे में देश के मनोबल को ऊंचा उठाना काफी जरुरी हो गया था.

इस काम मेंफिल्मजगत और कवियों ने अपनी भूमिका निभाई. सरकार की भी आशा अब फिल्‍म जगत से ही थी. सरकार की तरफ से फिल्म जगत को कहा जाने लगा कि ‘भई अब आप लोग ही कुछ करिए’. कुछ ऐसी रचना करिए कि पूरे देश में एक बार फिर से जोश आ जाए और चीन से मिली हार के गम पर मरहम लगाया जा सके.

कवि प्रदीप ने इसमें अहम रोल निभाया. वे जानते थे इसके लिए उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं हैं फिर भी उन्होंने देशवाशियों के मनोबल को ऊंचा उठाने के लिए एक गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ लिखा. इसको स्वर से संवारा स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने. इससे पहले भी प्रदीप कई देशभक्ति के गाने लिखे चुके थे. उस दौर में तीन महान आवाजें हुआ करती थीं. मोहम्मद रफ़ी, मुकेश और लता मंगेशकर.

प्रदीप जानते थे कि लता के आवाज में वह जादू है जो लोगों को अपनी ओर खींच सकता है इसलिए उन्होंने लता से आग्रहकर इस गाने में स्वर देने को कहा. जैसा प्रदीप ने सोचा वैसा ही हुआ. लता के मखमली आवाज ने पूरे देश का ध्‍यान गाने की ओर खींच लिया. प्रदीप पहले से ही लता के आवाज को देखते हुए यह भावनात्मक गाना लिखा. इस तरह से ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ का जन्म हुआ. जिसे लता ने पंडित जी के सामने गाया और उनकी आंखों से भी आंसू छलक आए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें