फिल्‍म रिव्यू:सीरियल किसर की ठगी पसंद आ रही है फैंस को

फिल्म -राजा नटवरलाल निर्माता -यू टीवी निर्देशक- कुणाल देशमुख कलाकार – इमरान हाशमी, हुमैमा मलिक, परेश रावल, के के मेनन रेटिंग – तीन हिंदी फिल्मों में कॉन यानी ठगी, जोन पर बहुत कम ही फिल्में नजर आयीं. सीरियल किसर इमरान हासमी राजा नटवरलाल से ठगी के इसी जोन को बयां कर रहे हैं. फिल्म में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2014 4:11 PM

फिल्म -राजा नटवरलाल

निर्माता -यू टीवी

निर्देशक- कुणाल देशमुख

कलाकार – इमरान हाशमी, हुमैमा मलिक, परेश रावल, के के मेनन

रेटिंग – तीन

हिंदी फिल्मों में कॉन यानी ठगी, जोन पर बहुत कम ही फिल्में नजर आयीं. सीरियल किसर इमरान हासमी राजा नटवरलाल से ठगी के इसी जोन को बयां कर रहे हैं. फिल्म में रियल महा ठग नटवरलाल उर्फ मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव को अपने अंदाज में कई मौकों और वाकयों पर याद किया गया है.

जिस तरह से हर ठग का आदर्श नटवरलाल है, उसी तरह इस ठगीवाली फिल्म की कहानी भी कहीं-न-कहीं नटवरलाल की ठगी से ही प्रेरित है. नटवरलाल ने जिस तरह एक बार लाल किल्ला सहित यूपी, एमपी के कई राष्ट्रीय इमारतों को बेच दिया था. उसी तरह इस फिल्म में राजा एक नकली आइपीएल टीम बेच रहा है. कहानी की बात करें तो राजा (इमरान हाशमी) अपने दोस्त राघव (दीपक तिजोरी) के साथ मिल कर छोटी-छोटी ठगी का काम करता है. राजा कम समय में ज्यादा पैसे कमाना चाहता है. बड़ा बनने के चक्कर में राजा राघव के साथ मिल कर एक बड़ी ठगी करता है. इसी बीच कहानी मोड़ लेती है.

उस ठगी की वजह से राजा के दोस्त राघव का मर्डर हो जाता है. जब राजा को पता चलता है कि राघव का मर्डर वर्दा यादव (के के मेनन) ने किया है, जो बड़ा क्रिमिनल है तो वह उसे अपने अंदाज में सजा देने का निर्णय करता है. वर्दा को अपने जाल में फसाना राजा के लिए आसान नहीं है. वह अपने से बड़े ठग योगी (परेश रावल) के पास पहुंचता है. वह राजा का साथ देने को राजी हो जाता है. अब दोनों मिल कर वर्दा को सबक सिखाना चाहते हैं. इस ठगी के मैदान में कई ट्विस्ट आते हैं. कहानी कई मोड़ लेती है.

बाजी किसके हाथ लगती है, राजा वर्दा को अपने अंदाज में क्या सजा देता है यही आगे की कहानी में है. फिल्म का पहला भाग रोचक है. दूसरे भाग में फिल्म खिचती जान पड़ती है. फिल्म में कई खामियां हैं. स्क्रीनप्ले पर थोड़ा और काम किया जाना चाहिए था, लेकिन कई रोचक प्रसंग भी है. इमरान हाशमी अपने किरदार में फबे हैं. ऐसे किरदार में उन्हें महारत हासिल चुकी है.

इस फिल्म से हिंदी फिल्मों में अपने कैरियर की शुरुवात करनेवाली पाकिस्तानी अदाकारा हुमैमा मलिक के हिस्से ज्यादा कुछ नहीं आया है. परेश रावल ने अपना रोल बखूबी निभाया है. के के मेनन जरूर निराश करते हैं. अन्य कलाकारों ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है. फिल्म का गीत संगीत पक्ष बहुत कमजोर है. सवांद जरूर कहानी को प्रभावशाली बनाते हैं. कुल मिला कर राजा नटवरलाल एक बार देखी जा सकती है.

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