शोखियों में घोला जाये फूलों का शबाब उसमें फिर मिलायी जाये, थोड़ी सी शराब, होगा फिर नशा जो तैयार वो प्यार है, जी हां जीवन को कुछ इसी अंदाज में जीने वाले देव आनंद का आज जन्मदिन है.
बॉलीवुड में सदाबहार अभिनेता के रूप में विख्यात देव साहब भले ही आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी जिंदादिली, जीवन को जीने की इच्छा और हमेशा कुछ नया करने की इच्छाशक्ति बॉलीवुड के नये लोगों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रहेगी. देव आनंद ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म हम एक हैं से की थी, जिसमें उनकी नायिका सुरैया थीं.
यह फिल्म आजादी से पहले रिलीज हुई थी. ब्लैक एंड व्हाइट से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले देव आनंद जब रंगीन फिल्मों के जरिये सिनेमा के पर्दे पर उतरते थे, तो लड़कियां आहें भरतीं थीं. देव आनंद ने बॉलीवुड को एक अलग तरीके का एक्टर दिया. उनकी रोमांटिक इमेज लोगों को बहुत भाती थी और एक जमाने में देव आनंद, दिलीप कुमार और राजकपूर की तिकड़ी इंडस्ट्री पर राज करती थी.
देव आनंद ने अपने फिल्मी कैरियर में कई हिट फिल्में दीं. जिनमें गाइड, काला पानी, काला बाजार, ज्वेल थीफ, जॉनी मेरा नाम, तेरे मेरे सपने, गैंबलर, हरे रामा हरे कृष्णा, सीआईडी, देश प्रेमी आदि प्रमुख हैं. उनकी फिल्में हमेशा युवाओं को ध्यान में रखकर बनायी जाती थी. कई फिल्मों में उन्होंने समाज को एक संदेश दिया. गाइड तो उनके फिल्मी कैरियर में मील का पत्थर थी.
देव आनंद को जिस चीज के लिए इंडस्ट्री में लोग हमेशा याद करेंगे, वह है नये लोगों को इंडस्ट्री में ब्रेक देना. टीना मुनीम, जैकी श्रॉफ, ऋचा शर्मा एवं जीनत अमान जैसे सफल अभिनेता-अभिनेत्रियों को देव आनंद ने ही बॉलीवुड से परिचय कराया था.
देव आनंद हमेशा कुछ नया करने की सोचते रहते थे. अपने फिटनेस पर भी उनका बहुत ध्यान रहता था, लेकिन इसके लिए वे कुछ खास नहीं करते थे, बस नियमित जीवनशैली ही जीते थे. वे अपने जीवन में भगवान कृष्ण से प्रभावित थे और उनका कर्मयोग उनके जीवन का आधार था. देव आनंद जब जीये काम करते रहते थे.
देव आनंद ने अपने समय की मशहूर अभिनेत्री कल्पना कार्तिक से शादी की थी. उन्होंने शादी भी बड़े अनोखे अंदाज में शूटिंग के दौरान हुए ब्रेक में की थी. हालांकि देव आनंद और सुरैया का प्रेम जगजाहिर है. देव आनंद और सुरैया इस प्रेम को स्वीकार भी करते थे.
सुरैया और देव आनंद की शादी मात्र इसलिए नहीं हो पायी थी, क्योंकि दोनों के धर्म में अंतर था. सुरैया ने तो आजीवन विवाह भी नहीं किया था. देव आनंद के साथ जिस भी कलाकार ने काम किया, वह उनका मुरीद हो गया.
देव आनंद का जन्म 1923 में पंजाब के गुरदासपुर में हुआ था और उनका निधन 2011 में लंदन में हुआ था. देव आनंद ने लाहौर से अंग्रेजी में ऑनर्स किया था.उन्हें सरकार ने अपने योगदान के लिए वर्ष 2002 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा था. इसके पहले उन्हें पद्मभूषण भी मिल चुका था. उन्हें नवकेतन फिल्म का निर्माण किया था.