Loading election data...

फिल्‍म उद्योग में काम पाने के लिए किया था संघर्ष- जावेद अख्‍तर

जानेमाने पटकथा लेखक, गीतकार और कवि जावेद अख्‍तर के मुबंई के सफर के 50 साल पूरे हो गए. सिनेमाजगत में आज जावेद ने एक अलग ही जगह बनाई है. इसके अलावा वो एक सामाजिक कार्यकर्ता भी है. जावेद ने बीते दिनों 2 अक्‍टूबर गांधी जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2014 11:09 AM

जानेमाने पटकथा लेखक, गीतकार और कवि जावेद अख्‍तर के मुबंई के सफर के 50 साल पूरे हो गए. सिनेमाजगत में आज जावेद ने एक अलग ही जगह बनाई है. इसके अलावा वो एक सामाजिक कार्यकर्ता भी है. जावेद ने बीते दिनों 2 अक्‍टूबर गांधी जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए "स्वच्छ भारत मिशन" के तहत मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर प्लेटफार्म की सफाई के अभियान में शामिल हुए.

जावेद ने इस दौरान अपने जीवन के पहलुओं को शेयर करते हुए बताया कि,’ आज से 50 साल पहले में जहां था आज उसी जमीं पर मेरे 50 साल पूरे हो गए. ग्‍वालियर से जब मैं 1964 में चला था तो मुबंई सेंट्रल पर ही उतरा था.’

जावेद अख्‍तर ने प्रधानमंत्री के ‘स्‍वच्‍छ भारत मिशन’ के बारे में कहा कि,’ हमें स्‍वच्‍छता के लिए यह नहीं सोचना चाहिए कि सरकार ही सबकुछ करेगी. हमारी जिम्‍मेवार कुछ नहीं है. हमें आगे आना होगा अपनी जिम्‍मेदारी को समझना होगा. एक नागरिक होने का फर्ज अदा करना होगा.’

जावेद को फिल्म उद्योग में काम पाने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा और फिर 1969 में उन्हें धर्मेंद्र अभिनीत ‘यकीन’ में काम मिला. इसके बाद सलीम खान के साथ जावेद अख्तर ने जोड़ी बनाई और दोनों की लेखनी ने हिंदी सिनेमा को ‘शोले’ और ‘दीवार’ जैसी कई शानदार फिल्में दीं. ‘शोले’ ऐसी फिल्‍म थी जो आज भी दर्शकों के दिलों में है.

जावेद की पत्‍नी शबाना आजमी जो बॉलीवुड की एक जानीमानी अदाकारा है. वे अपने शौहर के इस शानदार सफर को इज्जत के साथ देखती हैं. साथ ही उनके संघर्ष की भी तारीफ करती है.

Next Article

Exit mobile version