बॉलीवुड के जानेमाने अभिनेता विनोद खन्ना का जन्म एक बिजनेस परिवार में 6 अक्टूबर,1946 को पेशावर में हुआ था. उनका परिवार 1947 में हुए विभाजन के बाद पेशावर से मुंबई आ गया था. उनके माता-पिता का नाम कमला और किशनचंद खन्ना था. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में एक अभिनेता और खलनायक दोनों की भूमिकाएं निभाई थी.
विनोद ने बॉलीवुड में अपने फ़िल्मी सफर की शुरूआत 1968 की फिल्म "मन का मीत" से की थी जिसमें उन्होने एक खलनायक की भूमिका निभाई थी. इस फिल्म में सुनील दत्त भी थे जिन्होंने हीरो का किरदार निभाया था.
विनोद ने कई फिल्मों में सहायक किरदार(सपोटिंग रोल) और खलनायक की भूमिका निभाई थी. विनोद ने पूरब और पश्चिम, सच्चा झूठा, आन मिलो सजना, मस्तानी और मेरा गांव मेरा देश जैसी फिल्में कीं. इन फिल्मों से उन्हें खास सफलता तो नही मिली, लेकिन दर्शकों ने उनकी एक्टिंग को पसेद किया.
फिरोज खान के निर्देशन में बनी फिल्म ‘कुर्बानी’ ने विनोद खन्ना को हिट किया. विनोद ने अमिताभ बच्चन के साथ भी कई फिल्में की. दोनों की जोडी को दर्शकों ने खासा पसंद किया. इन फिल्मों में हेरी फेरी, खून पसीना, अमर अकबर एन्थोनी और मुकद्दर का सिकंदर शामिल है. इन फिल्मों में कभी विनोद आगे हुए तो कभी अमिताभ.
1982 में अचानक विनोद ने फिल्म इंडस्ट्री को बाय बाय कह दिया फिर अचानक 1987 में फिल्म ‘इंसाफ’ में काम किया और फिल्म में एक्ट्रेस थीं डिंपल कपाड़िया. दर्शकों ने इस फिल्म को पसंद किया. इसके बाद विनोद ने कुछ और फिल्में की.
फिल्म ‘हाथ की सफाई ‘ के लिए विनोद खन्ना को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए पहला फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला. इसके बाद 1999 में उन्हें फिल्म फेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला. वर्ष 2007 में विनोद ने पाकिस्तानी फिल्म ‘गॉड फादर’ में भी लीड रोल किया था जो काफी सफल हुई थी.
वर्ष 1975 में विनोद ओशो के शिष्य बन गए. फिल्में छोड वह वहां बर्तन धोते थे और बगीचे का काम संभालते थे. विनोद खन्ना ने गीतांजलि से 1971 में शादी की थी जिससे उनके दो है राहुल खन्ना और अक्षय खन्ना. इसके बाद वर्ष 1990 में उन्होंने कविता से दूसरी शादी कर ली उनसे भी उनके दो बच्चे है.
वे अभी भी एक्टिंग से जुडे हुए है वे सलमान की कई फिल्मों में नजर आए. उनकी एक्टिंग को आज भी दर्शक बेहद पसंद करते है.