हैप्पी बर्थडे रेखा, भारतीय सिनेमा में ”अदाकारी” और ”खूबसूरती” की मिसाल…
जानीमानी खूबसूरत अभिनेत्री रेखा को बॉलीवुड की बेहद प्रतिभाशाली अदाकारा के रूप में जाना जाता है. उनका असली नाम भानुरेखा गणेशन था. उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत तेलुगु फिल्म ‘रंगुला रत्नम’ से की थी. बॉलीवुड में उन्होंने वर्ष 1970 में फिल्म ‘सावन भादो’ से शुरूआत की थी. रेखा ने पर्दे की जिदंगी और असल […]
जानीमानी खूबसूरत अभिनेत्री रेखा को बॉलीवुड की बेहद प्रतिभाशाली अदाकारा के रूप में जाना जाता है. उनका असली नाम भानुरेखा गणेशन था. उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत तेलुगु फिल्म ‘रंगुला रत्नम’ से की थी. बॉलीवुड में उन्होंने वर्ष 1970 में फिल्म ‘सावन भादो’ से शुरूआत की थी. रेखा ने पर्दे की जिदंगी और असल जिंदगी में इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कडी मेहनत की है.
अपने सांवले रंग और लडखडाती हिंदी बोलने के कारण उन्हें फिल्मों में आने के लिए काफी मेहनत करनी पडी थी. रेखा ने कई फिल्में की. अपने इस सफर में उनका नाम महानायक अमिताभ बच्चन के साथ जोडा गया. रेखा का नाम लंबे समय तक अभिताभ बच्चन के साथ जुड़ता रहा. दोनों की जोड़ी पर्दे पर भी काफी लोकप्रिय रही. दोनों ने ‘ईमान धरम’, ‘गंगा की सौगंध’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’ और ‘सुहाग’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया.
रेखा को वर्ष 1981 में ‘खूबसूरत’ और 1989 में ‘खून भरी मांग’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला था. 2003 में उन्हें ‘फिल्म फेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ और ‘सैमसंग दिवा पुरस्कार’ तथा 2012 में ‘आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट इन इंडियन सिनेमा’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
यश चोपड़ा की फिल्म ‘सिलसिला’ अमिताभ और रेखा की आखिरी फिल्म थी. इसके बाद वो दोबारा किसी फिल्म में एक साथ नजर नहीं आए. वहीं खबरें आ रही कि इतने सालों बाद फिर अमिताभ और रेखा रुपहले पर्दे पर फिल्म ‘शमिताभ’ में साथ नजर आनेवाले है. लेकिन फिल्म में रेखा की भूमिका के बारे में जानकारी नहीं दी गयी है.
रेखा ने शादी क्यों नहीं की इस पर हमेशा से सवाल उठते रहते है. रेखा अकेले रहने को अपनी मर्जी से जिदंगी जीना कहती हैं. रेखा की वर्ष 1981 में आई फिल्म ‘उमराव जान’ से दर्शकों ने उन्हें खासा पसंद किया था. इस फिल्म के गाने ‘इन आंखों की मस्ती के’ को दर्शकों ने खूब सराहा था. इसी फिल्म के लिए 1982 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था.
रेखा को अभिनय के साथ-साथ नृत्य के लिए भी जाना जाता है. रेखा को वर्ष 1998 में हिंदी फिल्मों की सर्वश्रेष्ठ नर्तक के लिए ‘लच्छू महाराज पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था. ‘उमराव जान’ में उनके नृत्य की काफी प्रशंसा हुई थी. रेखा नियमित योग करती हैं और साथ ही उन्हें लिखने-पढ़ने का भी शौक है. वह कविताएं लिखती हैं.
रेखा जल्द ही फिल्म ‘सुपरनानी’ में नजर आनेवाली है. भारतीय सिनेमा में रेखा अदाकारी, खूबसूरती की एक मिसाल हैं. रेखा ने कभी भी जिदंगी से हार नहीं मानी वो निरंतर आगे बढ रही है. वे अपनी खूबसूरती और बेजोड अदाकारी के कारण आज भी लाखों दिलों में राज कर रही है.