जानिए फिल्मों में मनाए जाने वाले करवा चौथ का सच
करवा चौथ का उपवास हिंदू महिलाएं अपने पति की सलामती और लंबे जीवन के लिए रखती हैं लेकिन यह सिर्फ इतना भर नहीं रहा गया है. इससे आगे जाकर फिल्मों ने इसमें एक बाजार की तलाश कर इसे खूब भुनाया है. बॉलीवुड की तमाम फिल्में हैं जिसमें करवा चौथ को पवित्र प्रेम और विवाह के […]
करवा चौथ का उपवास हिंदू महिलाएं अपने पति की सलामती और लंबे जीवन के लिए रखती हैं लेकिन यह सिर्फ इतना भर नहीं रहा गया है. इससे आगे जाकर फिल्मों ने इसमें एक बाजार की तलाश कर इसे खूब भुनाया है.
बॉलीवुड की तमाम फिल्में हैं जिसमें करवा चौथ को पवित्र प्रेम और विवाह के प्रतीक के रूप में दिखाया गया है. करवा चौथ ने दो तरफा काम किया है. एक तरफ करवा चौथ को भुनाकर लोगों को खूब हंसाया और रुलाया गया है तो दूसरी तरफ से इस प्रयोग से फिल्मों ने अच्छी कमाई भी की है.
सच तो ये है बॉलीवुड ने एक और काम किया है वो है इस त्यौहार को घर-घर पहुंचाने का. पहले यह देश के कुछ ही हिस्सों में मनाया जाता था. जिसमें पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं. लेकिन फिल्मों के चलते देश के हर हिस्से में यह त्यौहार मनाया जाने लगा है.
* फिल्मों में करवा चौथ
फिल्मों में करवा चौथ दिखाने का चलन नब्बे के दशक के बाद बढा है. लेकिन 80 के दशक में आई फिल्म ‘मांग भरो सजना’ में करवा चौथ को दिखाया गया था. इस फिल्म में मौसमी चटर्जी, रेखा और जितेंद्र मुख्य भूमिकाओं में थे. लेकिन इस फिल्म ने इसे ग्लैमराइज नहीं किया.
अब बात करें करवा चौथ के ग्लैमराइज होने की तो इस कई फिल्में शामिल हैं. इस तरह की फिल्मों में हम दिल दे चुके सनम फिल्म को कैसे भूला जा सकता है. इस फिल्म में करवा चौथ को भव्य सेट और गाने के साथ दिखाया था जिसका दर्शकों पर बहुत प्रभाव भी पड़ा था.
इसके अलावा करिश्मा कपूर सलमान खान की फिल्म ‘बीवी नबंर वन’, करिश्मा और आमिर खान की फिल्म ‘राजा हिंदुस्तानी’, अमिताभ बच्चन, जया भादुड़ी, शाहरुख, काजोल ऋतिक रोशन, करीना कपूर अभिनीत ‘कभी खुशी-कभी, गम जैसी कई फिल्में शामिल हैं.
‘बाबुल’ फिल्म में तो दो पीढ़ियों को एक साथ करवा चौथ मनाते हुए दिखाया गया है, हेमा मालिनी अमिताभ बच्चन के लिए उपवास रखती हैं तो वहीं रानी मुखर्जी सलमान खान के लिए. वहीं ‘बागबां’ फिल्म का करवा चौथ कौन भूल सकता है. जिसमें अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी एक दूसरे के लिए करवा चौथ का उपवास रखकर आहें भरते हैं. इस तरह की फिल्मों ने हमारी बुजुर्ग पीढी में भी करवा चौथ के प्रति आकर्षण भरा है.
वाकई में फिल्में हर त्यौहार, रीजि रिवाज में अपने बाजार के हिसाब से कुछ न कुछ तलाश ही लेती हैं.