अहमदाबाद : बॉलीवुड के जानेमाने अभिनेता और महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने पिता कवि हरिवंश राय बच्चन को उनकी 107 जयंती पर श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक अनोखी प्रतिभा बताया. आपको बता दें कि 18 जनवरी, 2003 को हरिवंश राय बच्चन का निधन हो गया था.
72 वर्षीय अमिताभ ने अपने पिता की साहित्य यात्र को अपने ब्लॉग पर याद किया. उन्होंने लिखा, ‘हरिवंश राय बच्चन : अनोखी प्रतिभा.. अक्षरों, शब्दों, विचारों और कई अज्ञात कृतित्वों के धनी व्यक्ति. भयंकर गरीबी में जन्म और पालन पोषण हुआ. महज 20 रुपए प्रतिमाह कमाकर अपनी जीविका चलाते थे लेकिन बाद में साहित्यिक जगत में कुछ असाधारण लेखन किया.’
अमिताभ ने आगे लिखा,’ हिंदी में सैकडों और सैकडों कविताएं, 70 से अधिक पुस्तकें लिखीं, हालांकि वह इलाहाबाद में अंग्रेजी साहित्य पढाते थे. आकाशवाणी तथा फिर विदेश मंत्रलय में विशेष कार्याधिकारी के रूपमें अपनी सेवाएं दीं. राज्यसभा के लिए नामित हुए.’ सदाबहार स्टार ने कहा कि उनके पिता प्रशंसकों से मिली हर चिट्ठी का जवाब देते थे. वह अनुशासनप्रिय थे. उनमें दृढ इच्छाशक्ति, विनम्रता थी.
T 1688 – My Father's birth anniversary Nov 27, 1907 .. his verse on poetry and poets !! मुर्दा – ज़िंदा कवि (cont) http://t.co/0dTmKrVqbp
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) November 27, 2014
अमिताभ ने याद करते हुए अपने पिता के बारे में लिखा,’पत्र लिखने में माहिर, अगर आप उन्हें पत्र लिखें तो वह व्यक्तिगत रुप से उसका जवाब देते थे. पत्र लिखने वाला चाहे कोई हो वह पोस्टकार्ड पर उसका एक पंक्ति का जवाब जरुर देते थे. हर दिन सैकडों कार्ड और उसके बाद वह खुद उन्हें नजदीकी लेटर बॉक्स में पोस्ट करने जाते थे.’ अमिताभ ने बताया कि उनके पिता को हमेशा यह लगता था अमिताभ के रूप में उनके पिता ने दोबारा जन्म लिया है.
इस सिलसिले में अमिताभ बच्चन ने अपने जन्म से पहले की एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा,’मैं अपनी मां के गर्भ में था और प्रसव का समय नजदीक आ गया था. एक रात उन्हें सपना आया, सपने में उनके पिता आए और उनसे कहा, जागो और मेरी मां को सहारा दो क्योंकि उसका प्रसव होने वाला है और एक बेटा पैदा होने वाला है, जब वह उठे तो उन्होंने मेरी मां को बिस्तर पर नहीं पाया, वह प्रसव पीडा से कराहती हुईं बाथरूमगयी थीं. कुछ ही घंटे बाद मेरा जन्म हुआ.’