अभिनेत्री प्रियंका और फ्रीडा ने की ”GIRL RISING” कैम्पेन की शुरुआत

नयीदिल्ली : बॉलीवुड की जानीमानी अभिनेत्री प्रियंका चोपडा और फ्रीडा पिंटो ने आज एक बहुस्तरीय वैश्विक अभियान ‘गर्ल राइजिंग’ की शुरुआत की जिसके तहत लडकियों की शिक्षा के महत्व को लेकर जागरुकता के प्रसार के लिए एक डॉक्‍यूमेंट्री बनायी गयी है. जिसमें इन दोनों तारिकाओं और कई दूसरी बॉलीवुड अभिनेत्रियों ने काम किया है. बॉलीवुड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2014 11:17 AM

नयीदिल्ली : बॉलीवुड की जानीमानी अभिनेत्री प्रियंका चोपडा और फ्रीडा पिंटो ने आज एक बहुस्तरीय वैश्विक अभियान ‘गर्ल राइजिंग’ की शुरुआत की जिसके तहत लडकियों की शिक्षा के महत्व को लेकर जागरुकता के प्रसार के लिए एक डॉक्‍यूमेंट्री बनायी गयी है. जिसमें इन दोनों तारिकाओं और कई दूसरी बॉलीवुड अभिनेत्रियों ने काम किया है.

बॉलीवुड अभिनेत्रियां फिल्म के भारतीय संस्करण में हैं जो दुनिया भर की नौ लड़कियों की कहानी है जो शिक्षा के अपने सपने को पूरा करने के लिए मुश्किल हालातों से लडती हैं.प्रियंका और फ्रीडा फिल्म के वैश्विक संस्करण में भी हैं जिसमें उनके साथ ऑस्कर विजेता अभिनेत्रियां मेरिल स्टरीप और ऐन हाथवे भी दिखायी देंगी.

प्रियंका ने कहा,’ मैं ‘गर्ल राइजिंग’ अभियान की शुरुआत से ही जुडी हुई हूं और इस मजबूत विचार को भारत लाने में सक्षम होने के लिए खुद को सम्मानित महसूस कर रही हूं.’ उन्होंने कहा कि भारत में इस पहल की जरुरत थी क्योंकि देश में हर कदम पर लडकियों को कम महत्व दिया जाता है.

प्रियंका ने कहा,’ लड़कियों के अधिकारों और उनकी शिक्षा भारत में एक बहुत प्रासंगिक मुद्दा है, इसलिए यह अभियान बहुत महत्वपूर्ण हैं. हमारे देश में जन्म लेने के बाद से ही लडकियों को कम महत्व देना शुरु कर दिया जाता है. उन्हें कहा जाता है कि उन्हें पढाई करने की जरुरत नहीं है ताकि लडके पढ़ सकें और भारत में सालों से लड़कियां इस तरह का त्याग करती आयी हैं.’

ऑस्कर विजेता फिल्म ‘स्लमडॉग मिलेनायर’ से रुपहले पर्दे पर पर्दापण करने वाली हॉलीवुड अभिनेत्री फ्रीडा पिंडो ने कहा कि लडकियों की शिक्षा उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है.

उन्होंने कहा,’ अकसर सामाजिक एवं पारंपरिक विचारों की वजह से लड़कियों को पीछे रहना पडता है. लोग लड़कियों के लिए एक अलग भविष्य की कल्पना नहीं कर सकते. समय आ गया है कि लडकियों को शिक्षित करने पर सवाल करने की बजाए हम यह पूछे कि ऐसा क्यों ना करें? जब हम जानते हैं कि लड़कियों को शिक्षा देने से दुनिया बदल सकती है, तो इंतजार क्यों करना? गर्ल राइजिंग के साथ हम इसे बदल देंगे.’

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