ढाका अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में होगी झारखंड के फिल्मकार निरंजन कुजूर की ‘तीरे बेंधो ना’ की स्क्रीनिंग
22वें ढाका अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आगाज 20 जनवरी 2024 को होगा. ऐसे में झारखंड के लिए इस बार गर्व की बात है, क्योंकि इस महोत्सव के लिए निरंजन कुजूर की शॉर्ट फिल्म 'तीरे बेंधो ना' को प्रदर्शित होने के लिए चुना गया है.
झारखंड के युवा फिल्मकार निरंजन कुजूर की शॉर्ट फिल्म ‘तीरे बेंधो ना’ को 22वें ढाका अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में के ‘शॉर्ट एंड इंडिपेंडेंट’ खंड में प्रदर्शित होने के लिए चुना गया है. नौ दिवसीय महोत्सव 20 से 28 जनवरी, 2024 तक ढाका में आयोजित किया जाएगा. महोत्सव का आयोजन रेनबो फिल्म सोसाइटी की ओर से किया जाता है, जो बांग्लादेश के फिल्म समाज आंदोलन में सबसे सक्रिय फिल्म संस्थाओं में से एक है. वे अमूमन सेमिनारों, मास्टरक्लासों और कार्यशालाओं से भरे फिल्म महोत्सव का आयोजन करते हैं.
तीरे बेंधो ना की ढाका अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में होगी स्क्रीनिंग
निरंजन कुजूर ने सोशल मीडिया पर अपने फैंस को ये खुशखबरी दी है. उन्होंने कहा, यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ‘तीरे बेंधो ना’ .. (UNANCHORED) को 22वें ढाका अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, बांग्लादेश, 2024 के ‘लघु और स्वतंत्र’ खंड में प्रदर्शित होने के लिए चुना गया है. शॉर्ट फिल्म ‘तीरे बेंधो ना’ के डायरेक्टर और स्क्रीनराइटर निरंजन कुजूर हैं. वहीं, इसके स्टोरी राइटर और सिनेमेटोग्राफर जॉयदीप भौमिक हैं. फिल्म के एडिटर ज्योति रंजन रथ हैं.
क्या है तीरे बेंधो ना की कहानी
शॉर्ट फिल्म की कहानी कुछ ऐसी है- हरिपद की बेटी उर्मी के स्कूल में एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन होता है, जहां वह हृदय संबंधी किसी जटिल रोग से पीड़ित पायी जाती है. हरिपद के अपनी पत्नी के साथ पहले से ही संबंध अच्छे नहीं चल रहे थे. उर्मी के इलाज के दौरान वह अपनी पत्नी की उसके प्रति नाउम्मीदी को संभालने के जद्दोजहद में लग जाता है. निरंजन ने शॉर्ट फिल्म को लेकर कहा, हरिपद का चरित्र लगभग हर परिवार में मौजूद उस एक व्यक्ति की तरह है, जिसे समाज के तौर तरीके समझ नहीं आते, जिनको व्यावहारिक ज्ञान कम होता है. जिसकी वजह से वे प्यार और सम्मान नहीं पा पाते. उनकी आदतों की वजह से लोग उनसे दूरी बना लेते हैं या उन्हें ठगने का प्रयास करते हैं. ‘तीरे बेंधो ना’ एक वास्तविक घटना पर आधारित है जो कुछ साल पहले एक स्थानीय बंगाली समाचार पत्र के माध्यम से हमें मिली. फ़िल्म को यथार्थवादी तरीके से सजाया गया है ताकि कहानी की नाटकीयता दायरे में रहे.
शर्मिला टैगोर 22वें ढाका अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में होंगी शामिल
दिग्गज बॉलीवुड अभिनेत्री शर्मिला टैगोर 22वें ढाका अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भाग लेने के लिए ढाका जाएंगी. यह महोत्सव 20 जनवरी, 2024 को शुरू होने वाला है और 28 जनवरी तक चलेगा. शर्मिला एशियाई प्रतियोगिता अनुभाग के जूरी सदस्यों में से एक के रूप में कार्य करेंगी. महोत्सव अथॉरिटी ने कहा कि उस पैनल में अन्य जूरी सदस्य रूसी निर्माता अन्ना शालाशिना, चीनी फिल्म व्यक्तित्व और निर्माता शी चुआन, बांग्लादेशी निर्माता सामिया जमान और थाईलैंड के निर्देशक और निर्माता टॉम वालर होंगे. वे सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, सर्वश्रेष्ठ पटकथा और सर्वश्रेष्ठ डीओपी का चयन करेंगे.
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गौरतलब है कि झारखंड के युवा फिल्मकार निरंजन कुजूर की कुडुख भाषा में बनी फि ल्म ‘एड़पा काना ’ को नॉन फीचर फिल्म कैटेगरी में बेस्ट ऑडियोग्राफी के लिए राष्ट्री य पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. झारखंड के लोहरदगा जिले के रहनेवाले निरंजन कुजूर निदेशक और पटकथा लेखक हैं. अब तक निरंजन ने कुड़ुख, हिंदी, बांग्ला और संताली भाषा में फिल्म बनायी है. हाल ही में निरंजन ने बांग्ला में शार्ट फिल्म ‘तीरे बेंधो ना’ बनायी है, जिसे केरल के IDSFFK aur SiGNS फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जा चुका है.