निर्देशक : अनुराग काश्यप
मुख्य कलाकार : रोनित रॉय, राहुल भट्ट, तेजस्विनी कोल्हापुरे, सुरवीन चावला, गिरीश कुलकर्णी, विनीत कुमार सिंह.
यह फिल्म एक परेशान करने वाली स्याह थ्रिलर फिल्म जो नैतिकता से कोसों दूर रहने वाले समाज का प्रतिनिधित्व करती है. फिल्म ‘अग्ली’ निर्माता अनुराग कश्यप की एक और रचना है जो हिले हुए दिमागों और सुलगती आत्माओं की महत्वाकांक्षाओं को पर्दे पर उतारती है.
यह फिल्म एक ऐसी तस्वीर बनाती है, जो इसके शीर्षक की तरह ही कुरुप है. फिल्म शुरु होने के कुछ ही देर बाद कहानी में तनाव और रहस्य का तडका लगता है और 10 साल की बच्ची के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने से कहानी एक के बाद एक कई मोड लेती चली जाती है.
हालांकि यह रहस्य और रोमांच ज्यादा देर तक दर्शकों को बांध कर नहीं रख पाता है क्योंकि पटकथा इस घटनाक्रम से जुडे विभिन्न लोगों के इर्दगिर्द घूमने लगती है.
वैसे तो फिल्म की पूरी कहानी तीन मुख्य किरदारों.. पहचान बनाने की कोशिश में जुटे एक अभिनेता (राहुल भट), उसकी शराबी पूर्व पत्नी (तेजस्विनी कोल्हापुरे) और एक खडूस पुलिस अधिकारी तथा महिला के वर्तमान पति (रोनित राय) के इर्दगिर्द घूमती है.
लेकिन जैसे-जैसे लडकी के लापता होने का रहस्य गहराता जाता है और पुलिस जोर-शोर से उसकी तलाश शुरु करती है, फिल्म में कई नए किरदार आते हैं और इस मामले में एक-एक करके उनपर शक होता है.
पूरी फिल्म को थ्रिलर लुक देने के लिए उसे बहुत ही कम रोशनी में शूट किया गया है. फिल्म में कलाकारों ने उम्दा प्रदर्शन किया है और कई अच्छे सीन भी हैं. ऐसे में फिल्म एक बार देखी जा सकती है.