मौलाना महली बोले, माहौल को और खराब ना करे फिल्म पीके

लखनऊ : आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने आमिर खान अभिनीत फिल्म पीके के कुछ दृश्यों से कथित रूप से धार्मिक भावनाएं आहत होने पर चिंता जाहिर करते हुए आज कहा कि देश और प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिशें जोरों पर हैं, ऐसे में फिल्मों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2014 5:05 PM

लखनऊ : आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने आमिर खान अभिनीत फिल्म पीके के कुछ दृश्यों से कथित रूप से धार्मिक भावनाएं आहत होने पर चिंता जाहिर करते हुए आज कहा कि देश और प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिशें जोरों पर हैं, ऐसे में फिल्मों में ऐसी चीजें कतई नहीं दिखायी जानी चाहिये.

फरंगी महली ने कहा कि फिल्म पीके में कुछ दृश्यों से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने की बातें सामने आ रही हैं. अगर ऐसा है तो यह बिल्कुल गलत है. अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब किसी के जज्बात को ठेस पहुंचाना नहीं है. अगर फिल्म में ऐसे दृश्य हैं तो सेंसर बोर्ड को उन्हें हटा देना चाहिये, ताकि साम्प्रदायिक सद्भाव ना बिगडे और गंगा-जमुनी तहजीब प्रभावित ना हो.

उन्होंने कहा कि जिस तरीके से देश और खासकर उत्तर प्रदेश का माहौल खराब किया जा रहा है. छोटे मामलों को भी तूल देकर मसला बनाया जा रहा है. उन्माद पैदा करने के लिये लव जिहाद से लेकर धर्मान्तरण तक का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे हालात में और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है कि फिल्मों में खास एहतियात बरती जाए.

मौलाना ने कहा कि अगर फिल्मों में धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली सामग्री होगी तो इससे दोनों समुदायों के बीच दीवार खड़ी होने की आशंका बलवती हो जाएगी. खासकर मुस्लिम अभिनेता होने के नाते आमिर खान से हिन्दू चरित्र के तौर पर आपत्तिजनक सीन तैयार करवाने को दूसरे ढंग से लिये जाने का खतरा पैदा हो जाता है.

गौरतलब है कि कुछ संगठनों तथा समाज के एक वर्ग ने फिल्म पीके में धर्म का मखौल उड़ाकर लोगों के जज्बात को ठेस पहुंचाने के आरोप लगाते हुए इस पर प्रतिबंध की मांग की है. फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ दिल्ली में मुकदमा भी दायर किया जा चुका है.

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