लखनउ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘पीके’ को कम्प्यूटर पर ‘डाउनलोड’ करके देखे जाने के बयान पर विवाद पैदा हो गया. एक सामाजिक संगठन ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज किये जाने की मांग की है. वहीं, सत्तारुढ समाजवादी पार्टी (सपा) ने इसे एक अच्छा संदेश देने की कोशिश को दबाने का प्रयास ठहराते हुए इसकी निंदा की है.
एक स्थानीय स्वयंसेवी संगठन ‘तहरीर’ के अध्यक्ष संजय शर्मा ने हजरतगंज कोतवाली में दी गयी तहरीर में आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ने एक वेबसाइट से ‘पीके’ फिल्म डाउनलोड करके देखी है जो कापीराइट कानून तथा सूचना-प्रौद्योगिकी अधिनियम का उल्लंघन है. लिहाजा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जानी चाहिये.
पुलिस को दी गयी तहरीर के मुताबिक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गत 31 दिसम्बर को प्रेस कांफ्रेंस में ‘पीके’ को मनोरंजन कर से मुक्त करने का ऐलान करते हुए कहा था कि, ‘कई दिनों से लोग हमसे ‘पीके’ देखने के लिये कह रहे थे. कुछ दिन पहले डाउनलोड किया था लेकिन देखने का मौका कल रात 10 बजे ही मिला. इस फिल्म में एक संदेश है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को यह फिल्म देखनी चाहिये, इसलिये मैंने खुद इसे ‘टैक्स फ्री’ करने का फैसला किया है.’ शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री ने फिल्म को डाउनलोड करके देखने की बात खुद स्वीकार की है, लिहाजा अखिलेश तथा अन्य पर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिये.
पाइरेसी रोधी कानूनों की कथित अनदेखी को लेकर हो रही आलोचना के बीच मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके इसका जवाब देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ‘ऐट द रेट यूएफओमूवीज डिजीफेसिलिटी’ को फिल्में डाउनलोड करने और देखने का लाइसेंस दिया है और पाइरेटेड डाउनलोड को लेकर उठा विवाद बेकार का है.