नये साल के पहले शुक्रवार को कोई बड़ी फिल्म रिलीज नहीं हुई. वहीं युवा डायरेक्टर सुनील प्रेम व्यास ने न्यूकमर्स को लेकर फिल्म को साल के पहले शुक्रवार को रिलीज किया. फिल्म में आमिर खान की फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ और ‘तारे जमीं पर’ जैसा ही संदेश देने की कोशिश की गई है. फिल्म की स्क्रिप्ट थोड़ी कमजोर है. फिल्म के आखिर में यह समझाने की कोशिश की गई है कि हम अपने बच्चों को अच्छा इंसान बनाने के बजाय कहीं उन्हें ऐसे अंधेरे की ओर तो नहीं ढकेल रहे जहां वे जाना नहीं चाहते.
फिल्म की कहानी 10 से 12 सोल के दो दोस्त अजय और रघु की है. दोनों एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त हैं. अजय के पापा बहुत अमीर है. वहीं रघु मिडिल क्लास फैमिली से हैं. दोनों बच्चों के माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे उन सपनों को पूरा करे जो वह खुद पूरा नहीं कर पाये. अजय के पापा चाहते है कि उनका बेटा क्लास में ही नहीं बल्कि पूरे स्कूल में अव्वल आये. स्कूल में होनेवाले किसी भी प्रतियोगिता में अजय नंबर वन आये.
दूसरी ओर रघु के पापा नेशनल लेवल एथलीट हैं. वे कभी इंटरनेशनल प्रतियोगिता में अपने देश के लिए पदक नहीं ला पाये. वे चाहते हैं कि रघु क्लास में नंबर वन रहने के साथ-साथ स्कूल में होनेवाले खेल मुकाबलों में भी नंबर वन आये. नंबर वन बनने की होड़ और प्रेशर के कारण दोनों की दोस्ती भी ईर्ष्या में बदल जाती है. लेकिन इसका अहसास दोनों को जल्दी ही हो जाता है.
एक्टिंग की बात की जाये तो स्कूल के प्रिंसिपल के किरदार में विक्रम गोखले ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों की वाहवाही लूटी है. वहीं लंबे समय बाद स्क्रीन पर नजर आईं दीपनिता शर्मा ने बस अपने रोल को निभा दिया है. जॉय सेन गुप्ता और राज जुत्शी की एक्टिंग भी ठीक-ठाक ही रही. फिल्म में कई बार ऐसा लगता है कि एक्टर स्क्रीन पर डायलॉग बोलते और भाषणबाजी करते नजर आते हैं. इंटरवल के बाद ऐसा लगता है कि फिल्म की कहानी को जबरन आगे बढ़ाया जा रहा है.