गुड़गांव में ”MSG” का प्रीमियर रुका,ईएनएलडी के 60 कार्यकर्ता हिरासत में

नयी दिल्ली : डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की फिल्म ‘मैसेंजर ऑफ गॉड’ (एमएसजी) पर ‘महाभारत’ छिड़ गयी है. फिल्म को मिली मंजूरी पर उस वक्त विवाद गहरा गया, जब सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन के बाद बोर्ड की सदस्य इरा भास्कर ने भी इस्तीफा दे दिया. उधर, सूचना एवं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2015 4:38 AM

नयी दिल्ली : डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की फिल्म ‘मैसेंजर ऑफ गॉड’ (एमएसजी) पर ‘महाभारत’ छिड़ गयी है. फिल्म को मिली मंजूरी पर उस वक्त विवाद गहरा गया, जब सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन के बाद बोर्ड की सदस्य इरा भास्कर ने भी इस्तीफा दे दिया. उधर, सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने सेंसर बोर्ड के कामकाज में ‘दबाव’ और ‘दखल’ के आरोपों से इनकार किया है.

वहीं, शुक्रवार को गुड़गांव के एक मैदान में डेरा समर्थकों के लिए प्रस्तावित फिल्म का प्रसारण टल गया. रविवार को फिल्म की प्रस्तावित रिलीज के विरुद्ध दिल्ली, पंजाब-हरियाणा में कई दलों ने प्रदर्शन किया. गुड़गांव में पुलिस ने इनेलोद के 60 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. पंजाब और हरियाणा में हाई अलर्ट जारी किया गया है.

राम रहीम ने गुड़गांव में एक संवाददाता सम्मेलन में सिख संगठनों की आलोचनाएं खारिज कर दी. कहा, ‘मैंने साफ तौर पर कहा है कि मैं तो बस एक इनसान हूं. फिल्म में दिखाये गये एक्शन सिर्फ स्टंट हैं. यह फिल्म किसी धर्म को निशाना नहीं बनाता. इसमें मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव के बारे में बताया गया है.’ सिख संगठनों का आरोप है कि वह खुद को भगवान व सिख गुरु के तौर पर पेश कर रहे हैं.

गुरमीत ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस फिल्म से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ेगी. उन्हें वे दो डायलॉग को हटाने के लिए कहा गया था, जिसे फिल्म में किसी और ने बोला था. उन्होंने कहा, ‘हमें फिल्म से पहले दो ऐसी चेतावनी भी शामिल करने को कहा गया, जिसमें लिखा गया हो कि यह फिल्म किसी धार्मिक वर्ग को निशाना नहीं बनाती और फिल्म में कुछ स्टंट किये गये हैं.’

उन्होंने कहा, ‘शाहरुख खान ने भी एक फिल्म में एक ट्रेन रोकी है. रितिक रोशन ने विमान रोका था. फिल्म में ज्यादातर घटनाएं वे हैं, जो डेरा सच्चा सौदा में हुई हैं.’ उन्होंने कहा, ‘फिल्म रिलीज नहीं होने के पीछे मौजूद वजहों से मैं वाकिफ नहीं हूं. मैं नहीं जानता कि लीला सैमसन कौन हैं और उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया?’

* इसलिए नाराज हुईं लीला!

सेंसर बोर्ड की एक अन्य सदस्य नंदिनी सरदेसाई ने कहा है कि यह ‘बरदाश्त की हद’ है. कहा, ‘हमने सिनेमाटोग्राफ कानून का सख्ती से पालन किया. फिल्म को संपूर्णता में देखा और पाया कि यह सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित करनेवाली फिल्म नहीं है. यह हमारा सामूहिक फैसला था. प्रक्रिया के मुताबिक, यह निर्माता पर निर्भर है कि वह दिल्ली जाये और न्यायाधिकरण में सुनवाई का अनुरोध करे. इसमें 15-30 दिनों का वक्त लगता है. यह सब कुछ 24 घंटे के भीतर हुआ. एक न्यायाधिकरण गठित कर फिल्म को मंजूरी दे दी गयी. मेरा मानना है कि इसी वजह से लीला नाराज हुईं.’

* ये कर रहे विरोध

शिरोमणि अकाली दल, हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और इंडियन नेशनल लोक दल

* दो लाख टिकट बिके

डेरा की ओर से अपने सदस्यों के लिए गुड़गांव में फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग की व्यवस्था थी. इसके लिए ग्राउंड में 14 बड़े परदे लगाये गये थे. 2,000-2,000 रुपये के सभी दो लाख टिकट भी बिक चुके थे.

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