शेक्सपियर के साहित्य पर अपनी पूरी जिंदगी जी सकता हूं : विशाल भारद्वाज
जयपुर: जानेमाने फिल्मकार विशाल भारद्वाज का कहना है कि वे अपनी पूरी जिंदगी शेक्सपियर के साहित्य पर बिता सकते हैं. विशाल जयपुर साहित्योत्सव में हिस्सा लेने आए थे. उन्होंने शेक्सपियर के नाटकों पर कई फिल्में बनायी हैं. प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant […]

जयपुर: जानेमाने फिल्मकार विशाल भारद्वाज का कहना है कि वे अपनी पूरी जिंदगी शेक्सपियर के साहित्य पर बिता सकते हैं. विशाल जयपुर साहित्योत्सव में हिस्सा लेने आए थे. उन्होंने शेक्सपियर के नाटकों पर कई फिल्में बनायी हैं.
भारद्वाज ने कहा, ‘शेक्सपियर के लेखन में बहुत गहराई और विविधता है. मैं उनके किसी भी नाटक को लेकर उस पर फिल्म बना सकता हूं. मैं साधारण रुप से शेक्सपियर पर अपनी जिंदगी बिता सकता हूं.’
साहित्योत्सव में ‘हेमलेट की दुविधाह्ण (हेमलेट्स डिलेमा) सत्र में भारद्वाज के साथ ‘हैदर’ के सह लेखक और पत्रकार बशरत पीर, ब्रितानी रंगमंचीय निर्देशक टिम सपल और प्रोफेसर जेरी ब्रोटन भी मौजूद थे.
49 वर्षीय भारद्वाज ने ‘हैदर’ से पहले 2003 में शेक्सपियर के ‘मेकबेथ’ पर ‘मकबूल’ और 2006 में ‘ओथेलो’ पर ‘ओमकारा’ बनाई थी. उनकी फिल्म ‘हैदर’ के लिए अभिनेता शाहिद कपूर को स्क्रीन अवार्ड में बेस्ट एक्टर का अवार्ड दिया गया था.