टैगोर के गीतों का अनुवाद करना आसान नहीं : जावेद अख्तर
कोलकाता : मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने कहा है कि टैगोर के गीतों का हिन्दी में अनुवाद करना आसान नहीं था.विख्यात कवि-लेखक अख्तर ने रवीन्द्रनाथ टैगोर के आठ गीतों का हिन्दी में अनुवाद किया है जिसका इस्तेमाल उन्होंने एक एलबम में किया है. अख्तर ने बताया,’ धुनों के लिए लिखने का मुझे बहुत अनुभव रहा […]
कोलकाता : मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने कहा है कि टैगोर के गीतों का हिन्दी में अनुवाद करना आसान नहीं था.विख्यात कवि-लेखक अख्तर ने रवीन्द्रनाथ टैगोर के आठ गीतों का हिन्दी में अनुवाद किया है जिसका इस्तेमाल उन्होंने एक एलबम में किया है.
अख्तर ने बताया,’ धुनों के लिए लिखने का मुझे बहुत अनुभव रहा है. मैने 1500 से अधिक गीत लिखे हैं और उनका धुन तैयार हुआ है. ऐसे में मैं यह कह सकता हूं कि धुन के लिए लिखने में मुझे परेशानी नहीं है.टैगोर की कृतियों का अनुवाद आसान नही.’
भाषा को यथा संभव आसान लफ्जों में बयां करने पर जोर देते हुये अख्तर ने कहा,’ मैं पार्श्व में रहने का प्रयास करता हूं लेकिन वास्तविक धुन को ध्यान में रखता हूं. मैं कुछ नहीं जोडता और भाषा की सरलता को बनाये रखने का प्रयास करता हूं’
कल शाम कोलकाता साहित्य सम्मेलन में ‘तुम्हें जानूं’, ‘घनघोर’,’ऐसा तुम्हारा प्रेम’, ‘सखी प्रेम’ जैसी गीतों से सजी ‘अनंत’ एलबम पेश किया गया. यह एलबम में गीतांजलि में लिखी कविताओं से तैयार किया गया है.