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हिट एंड रन मामला : वर्ष 2002 में सलमान के पास नहीं था ड्राईविंग लाइसेंस !

बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के हिट एंड रन मामले में एक और नया खुलासा हुआ है. सरकार पक्ष का कहना है कि वर्ष 2002 में सलमान के पास गाड़ी चलाने के लिए ड्राईविंग लाइसेंस ही नहीं था. वहीं सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि पुलिस के पास इस बात के पुख्‍ता सबूत है […]

बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के हिट एंड रन मामले में एक और नया खुलासा हुआ है. सरकार पक्ष का कहना है कि वर्ष 2002 में सलमान के पास गाड़ी चलाने के लिए ड्राईविंग लाइसेंस ही नहीं था. वहीं सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि पुलिस के पास इस बात के पुख्‍ता सबूत है कि सलमान ने वर्ष 2006 में लाइसेंस के लिए अप्‍लाई किया था. खबरों के मुताबिक पुलिस चाहती है कि आरटीओ अधिकारी को इस बाबत कोर्ट में गवाही देने के लिए बुलाया जाये.

सरकारी पक्ष ने मुबंई के निचली अदालत में तीन नये गवाहों को लाने की मांग की गई है. पहला वो मजिस्ट्रेट हैं, जिन्होंने सलमान के बॉडीगार्ड और 2002 में एक्सीडेंट में घायल लोगों का इकबालिया बयान दर्ज किया था. दूसरे गवाह के रूप में अंधेरी आरटीओ के लाइसेंसिंग विभाग के उस अधि‍कारी को बुलाने की मांग की गई है, जो रिकॉर्ड देखकर यह बता सके कि सलमान खान ने लाइसेंस के लिए कब अर्जी लगाई थी. वहीं तीसरे गवाह के तौर पर बांद्रा पुलिस स्टेशन में उस वक्त तैनात कांस्टेबल का नाम है, जो सलमान के खून का सैंपल जांच के लिए कलीना फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी ले गए थे.

वहीं वर्ष 2002 में दुर्घटना के बाद सलमान को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए जे जे अस्पताल ले जाया गया. पवार ने आज अदालत को बताया कि चिकित्सकों ने सलमान के रक्त का नमूना एकत्रित किया और उसे प्रयोगशाला में भेजने से पहले दो शीशियों में डाला. शिवडे ने कहा कि यद्यपि रसायनिक विश्लेषक ने कहा है कि उसे केवल एक शीशी मिली. सिविल मेडिकल कोड के अनुसार पांच मिलीलीटर रक्त निकालना होता है लेकिन चिकित्सकों ने कहा कि उसने प्रत्येक नमूने के लिए केवल तीन मिलीलीटर रक्त निकाला था.

बचाव पक्ष के वकील ने यह भी कहा कि प्रक्रिया के तहत नमूने में प्रिजर्वेटिव मिलाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. डा पवार से जिरह शनिवार को भी जारी रहेगी. इस बीच विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने आज अदालत से तीन और गवाहों से जिरह करने की इजाजत मांगी जिनके बयान आरोपपत्र का हिस्सा नहीं थे.

इन गवाहों में सलमान के ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में एक सडक परिवहन अधिकारी, रक्त का नमूना प्रयोगशाला तक ले जाने वाले सिपाही और कुछ गवाहों के बयान दर्ज करने वाले मजिस्ट्रेट शामिल हैं. अदालत के अभियोजन के आवेदन पर शनिवार को निर्णय किये जाने की उम्मीद है. अभी तक 21 गवाहों से जिरह हुई है जबकि पांच से छह बचे हुए हैं. सलमान गैर इरादतन हत्या के मामले का सामना कर रहे हैं जिसके तहत उन्हें अधिकतम 10 वर्ष की सजा हो सकती है.

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